x
कई बार इसकी वजह से सैटेलाइट से लेकर पृथ्वी की इलेक्ट्रिक ग्रिड तक पर प्रभाव देखने को मिलता है.
एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) द्वारा लॉन्च की गई 49 हाई-स्पीड इंटरनेट स्टारलिंक सैटेलाइट्स (High-speed internet satellites) में से 40 चार फरवरी को आए एक भू-चुंबकीय तूफान (Geomagnetic storm) की वजह से पृथ्वी से 130 मील ऊपर तबाह हो गए. इन सैटेलाइट्स को घटना से एक दिन पहले ही लॉन्च किया गया था. हार्वर्ड-स्मिथसोनियन एस्ट्रोफिजिसिस्ट जोनाथन मैकडॉवेल (Jonathan McDowell) ने बुधवार को कहा कि भू-चुंबकीय तूफान की वजह से एक बार में इतनी संख्या में सैटेलाइट्स का तबाह होने की ये पहली घटना मालूम होती है.
एलोन मस्क की कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा है कि अभी इन सैटेलाइट्स से कोई जोखिम नहीं है, क्योंकि सैटेलाइट्स बिना किसी धातु की बनी होती हैं. ऐसे में अगर ये पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करेंगी तो जलकर राख हो जाएगा. इन सैटेलाइट्स को तीन फरवरी को लॉन्च किया गया था. चार फरवरी को इनमें से 40 भू-चुंबकीय तूफान का शिकार हो गईं. दरअसल, जब भू-चुंबकीय तूफान आया, तो टीम ने सैटेलाइट्स को सेफ मोड में करने की कोशिश की, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. कंपनी ने कहा कि उनकी सैटेलाइट्स की वजह से अन्य सैटेलाइट्स को खतरा नहीं है. इन सैटेलाइट्स के टुकड़े पृथ्वी पर प्रवेश करने लगे हैं, लेकिन ये जलकर राख हो गए हैं.
स्पेसएक्स ने क्या कहा?
कंपनी ने अपने बयान में कहा, गुरुवार तीन फरवरी को फॉल्कन 9 रॉकेट के जरिए 49 स्टारलिंक सैटेलाइट्स को पृथ्वी की निचली कक्षा में लॉन्च किया गया. फॉल्कन 9 के दूसरे स्टेज ने इन सैटेलाइट्स को पृथ्वी से 210 किलोमीटर ऊपर तैनात किया. दुर्भाग्य से, गुरुवार को तैनात सैटेलाइट्स शुक्रवार को भू-चुंबकीय तूफान से प्रभावित हुईं. टीम ने सैटेलाइट्स को सेफ-मोड में करने की कोशिश की, लेकिन सफलता हासिल नहीं हुई. इस वजह से ये सैटेलाइट्स पृथ्वी में प्रवेश करने लगी हैं या प्रवेश कर चुकी हैं. इन सैटेलाइट्स के बाकी के सैटेलाइट्स से टकराने की संभावना नहीं है. ये सैटेलाइट्स पृथ्वी से भी नहीं टकराने वाली हैं.
क्या होता है भू-चुंबकीय तूफान?
भूचुंबकीय तूफान या सौर तूफान वास्तव में अंतरिक्ष के मौसम को प्रभावित करने वाली बड़ी घटना होती है. इस दौरान सूर्य से अति चुंबकीय कण निकलते हैं, जो उसके कोरोनल मास इजेक्शन की वजह बनती हैं. ये सूर्य के बाहरी आवरण पर प्लाज्मा का औरा होता है. कोरोनल मास इजेक्शन से ही सौर ज्वाला और सौर हवाएं निकलती हैं. इनकी वजह से सौर तूफान का निर्माण होता है. सौर तूफान की वजह से पृथ्वी की विद्युत और इससे संबंधित गतिविधियों पर प्रभाव पड़ सकता है. कई बार इसकी वजह से सैटेलाइट से लेकर पृथ्वी की इलेक्ट्रिक ग्रिड तक पर प्रभाव देखने को मिलता है.
Next Story