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कि G-1 क्लास का जियोमैग्नेटिक तूफान धरती की तरफ बढ़ रहा है.
पूरी दुनिया में इस समय एक के बाद एक आफत लगी हुई हैं. कोरोना वायरस महामारी, गर्मी और कमजोर मॉनसून के बीच आज एक और आफत धरती से टकरा सकती है. विशेषज्ञों के मुताबिक आज धरती के वातावरण से सूरज की तरफ से आने वाला एक बड़ा तूफान टकरा सकता है. इसके चलते सभी मौसम विज्ञानियों से पहले से वॉर्निंग देने के लिए कह दिया गया है.
कितनी है तूफान की स्पीड
एक रिपोर्ट के मुताबिक इस तूफान की वजह वो हवाएं हैं जो सूरज की तरफ से कई लाख किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आ रही हैं. सूरज की सतह से उठा भयंकर सौर तूफान 16,09,344 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है. ये हवाएं आज धरती से टकरा सकती हैं. बताया जा रहा है कि सूरज के वातावरण में हुए गड्ढे की वजह से ये मुसीबत धरती की तरफ बढ़ रही है.
इस गड्ढे की वजह से सूरज के वातावरण में एक तरह का परिवर्तन हुआ है और तेज हवाएं चलने लगी हैं. अब इन हवाओं का रुख धरती की तरफ है और आज ये धरती से टकरा सकती हैं. विशेषज्ञों को डर है कि इसकी वजह से धरती के चुबंकीय वातावरण जिसमें इसकी ऊपरी सतह भी शामिल है वहां पर एक जियोमैग्नेटिक तूफान उठ सकता है.
बंद हो जाएंगे मोबाइल फोन
वैज्ञानिकों का अंदेशा है कि यह सौर तूफान रविवार या सोमवार को किसी भी समय पृथ्वी से टकरा सकता है. उन्होंने चेताया है कि इस तूफान के कारण सैटेलाइट सिग्नलों में बाधा आ सकती है. विमानों की उड़ान, रेडियो सिग्नल, कम्यूनिकेशन और मौसम पर भी इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, उत्तरी या दक्षिणी अक्षांशों पर रहने वाले लोग रात के वक्त खूबसूरत ऑरोरा को देख पाएंगे. यह ध्रुव के पास रात के समय आसमान में चमकने वाली रोशनी होती है.
धरती पर हर शहर होगा अंधेरे में
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिकल एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) का कहना है कि इसकी गति और ज्यादा भी हो सकती है. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अंतरिक्ष में महातूफान आ जाए, तो उससे धरती के लगभग सभी शहरों की बिजली जा सकती है. उन्होंने यह भी बताया कि हो सकता है कि इसकी स्पीड और भी ज्यादा हो. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अंतरिक्ष से महातूफान फिर आता है तो धरती के लगभगर हर शहर से बिजली गुल हो सकती है.
सैटेलाइट्स भी हो जाएंगे ठप
इस तूफान के कारण धरती का बाहरी वायुमंडल गरमा सकता है जिसका सीधा असर सैटलाइट्स पर हो सकता है. इससे जीपीएस नेविगेशन, मोबाइल फोन सिग्नल और सैटलाइट टीवी में रुकावट पैदा हो सकती है. पावर लाइन्स में करंट तेज हो सकता है जिससे ट्रांसफॉर्मर भी उड़ सकते हैं. आमतौर पर ऐसा कम ही होता है क्योंकि धरती का चुंबकीय क्षेत्र इसके खिलाफ सुरक्षा कवच का काम करता है. अमेरिका की नेशनल वेदस सर्विसेज के स्पेस वेदर प्रिडिक्शन सेंटर की तरफ से जून में कहा गया था कि G-1 क्लास का जियोमैग्नेटिक तूफान धरती की तरफ बढ़ रहा है.
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