संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी का कहना है कि रूसी हमले के बाद अब तक 40 लाख से अधिक लोग यूक्रेन से पलायन कर गए हैं, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में सबसे बड़े शरणार्थी संकट में नया मील का पत्थर है। शरणार्थियों के लिए यूएन के उच्चायुक्त ने एक वेबसाइट पर पोस्ट किया कि 40.1 लाख लोग यूक्रेन से भाग चुके हैं। उनमें से 23 लाख ने पोलैंड में प्रवेश किया है।
यूक्रेन में रूस के सेना घटाने के संकल्प पर संदेह
रूस-यूक्रेन में 35वें दिन भी जहां युद्ध जारी है वहीं एक दिन पूर्व रूस द्वारा कीव-चेर्निहीव से सेना घटाने की घोषणा के बीच युद्ध विराम की उम्मीद भी जगी है। उम्मीद है कि तुर्की वार्ता से दोनों देशों के राष्ट्रपतियों में जल्द मुलाकात होगी। लेकिन सैन्य संख्या घटाने के रूसी वादे पर अमेरिका व यूक्रेनी राष्ट्रपति को संदेह है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि रूसी घोषणा पर भरोसा नहीं कर सकते हैं क्योंकि जमीन पर यूक्रेनी फौज अब भी कीव-चेर्निहीव में रूसी बलों से कई मोर्चों पर संघर्ष कर रही है। उन्होंने कहा, सकारात्मक संकेत हैं लेकिन ये संकेत रूसी गोलों के धमाके शांत नहीं कर रहे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी कहा कि हम रूसी घोषणा पर आश्वस्त नहीं हैं। एजेंसी
जल्द हो सकती है पुतिन व जेलेंस्की की मुलाकात
राजनयिक समाधान के लिए तुर्की में चल रही रूस-यूक्रेन प्रतिनिधिमंडल की बैठक को रूसी अफसरों ने सकारात्मक बताया है। हालांकि, दोनों पक्ष युद्धविराम पर सहमत नहीं हैं, लेकिन रूसी प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य ने कहा, जल्द ही रूसी राष्ट्रपति पुतिन व यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की तुर्की में मिल सकते हैं।
सैन्य अभियान घटाने का अर्थ युद्धविराम नहीं : रूस
यूक्रेन के साथ जारी शांति वार्ता के बारे में मॉस्को के प्रमुख वार्ताकार ने साफ कर दिया है कि यूक्रेन में सैन्य अभियानों को घटाने का रूस का वादा युद्धविराम नहीं है। उन्होंने कहा, इसके लिए कीव के साथ औपचारिक समझौते पर बातचीत को अभी और लंबा रास्ता तय करना है।
जेलेंस्की बोले, यूक्रेनी लोगों को नौसिखिया न समझें
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा, यूक्रेनी लोगों को नौसिखिया न समझें। हमले के 34 दिनों में और दोनबास के पिछले आठ वर्षों के युद्ध से हम सीख चुके हैं कि सिर्फ एक ही चीज पर भरोसा किया जा सकता है और वह है ठोस परिणाम।
भारत की रूस-यूक्रेन वार्ता में 'उद्देश्यपूर्ण सहमति' की अपील
भारत ने रूस-यूक्रेन के बीच जारी वार्ता में 'उद्देश्यपूर्ण सहमति' बनाने का आह्वान किया और उम्मीद जताई कि तनाव को तत्काल घटाने की दिशा में जल्द सहमति बन सकती है। यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, भारत मौजूदा हालात पर बहुत चिंतित है। उन्होंने यूक्रेन में मानवीय स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ब्रीफिंग के दौरान यूक्रेन में सशस्त्र संघर्ष से प्रभावित क्षेत्रों में निर्बाध रूप से मानवीय मदद पहुंचाने की भारत की मांग को दोहराया।
यूक्रेन को सैन्य मदद जारी रखेगा अमेरिका
बाइडन के साथ सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग ने एक साझा प्रेसवार्ता में कहा कि हम यूक्रेन पर रूसी हमले की कड़ी निंदा करते हैं और अमेरिका यूक्रेनी सेना को रक्षा के लिए सैन्य मदद मुहैया कराना जारी रखेगा। उन्होंने कहा, बड़े और छोटे सभी देशों की संप्रभुता, राजनीतिक स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान होना चाहिए। किसी भी तर्क को लेकर किसी संप्रभु देश पर अकारण सैन्य हमला अस्वीकार्य है।