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इस्लामाबाद, (आईएएनएस)| गेहूं के आटे की आसमान छूती कीमतों ने पाकिस्तान में कई लोगों के लिए जीना दूभर कर दिया है। प्रांतों में अनाज और इसके उप-उत्पादों की विभिन्न दरों ने इसकी कालाबाजारी को और बढ़ा दिया है। द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, लोग दैनिक उपयोग की वस्तुओं का एक बैग पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और देश के ग्रामीण हिस्सों में सेल प्वाइंट्स पर भगदड़ की भी सूचना मिली है। लोग सब्सिडी वाले आटे के बैग प्राप्त करने के प्रयास में उमड़ रहे हैं।
मिलों को बड़ी मात्रा में गेहूं जारी करने के बावजूद पंजाब प्रांत में अत्यधिक सब्सिडी वाले 10 और 20 किलोग्राम आटे के बैग की आपूर्ति अभी भी कम है।
15 किलो के बैग की कीमत आसमान छू रही है क्योंकि यह लगभग 133 पीकेआर यानि पाकिस्तानी रूपया प्रति किलोग्राम या 2,000 पीकेआर प्रति बैग पर उपलब्ध है।
दूसरी ओर सूबे में गेहूं का आटा 150 पाकिस्तानी रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है।
सिंध में, खासकर शहरी इलाकों में और पूरे बलूचिस्तान में, प्रति किलो आटे की कीमत 150 पीकेआर तक पहुंच गई है।
ऐसा ही कुछ खैबर पख्तूनख्वा में है जहां 3,000 पीकेआर प्रति बैग की रिकॉर्ड कीमत पर भी 20 किलो आटा बैग कम आपूर्ति में है।
तंदूरी रोटी और नान की कीमत भी एक साल पहले की तुलना में लगभग दोगुनी हो गई है।
ऐसा लगता है कि देश में गेहूं और आटे की कालाबाजारी पर कोई रोक नहीं है, खासकर पंजाब प्रांत में, जहां से सब्सिडी वाले गेहूं की चोरी की शिकायतें बड़े पैमाने पर होती रही हैं।
आटे की गुणवत्ता में गिरावट के गंभीर मुद्दे हैं।
द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, लोगों ने शिकायत की है कि आटा मिलों द्वारा बदबूदार गेहूं के आटे की आपूर्ति की जा रही है और संबंधित अधिकारियों द्वारा गुणवत्ता की कोई जांच नहीं की जाती है।
इस बीच, बाजार के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि देश में अनाज के सबसे बड़े उत्पादक और उपभोक्ता पंजाब प्रांत में गेहूं रिलीज कोटा में वृद्धि के बाद गेहूं की कीमत कुछ समय के लिए चरम पर पहुंच सकती है।
--आईएएनएस
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