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पाकिस्तान में बैठ भारत के खिलाफ साजिश रच रहा SJF, 'खालिस्तानी मैप' का किया अनावरण, बताया शिमला को राजधानी
Renuka Sahu
9 Jun 2022 3:59 AM GMT
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फाइल फोटो
प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने पाकिस्तान में बैठकर भारत के खिलाफ साजिशें रचना शुरू कर दिया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने पाकिस्तान में बैठकर भारत के खिलाफ साजिशें (Sikh For Justice) रचना शुरू कर दिया है. उसने न केवल खालिस्तान के नक्शे का अनावरण किया है बल्कि जनमत संग्रह को लेकर भी तारीखें बताई हैं. आमतौर पर अमेरिका के न्यूयॉर्क में रहने वाले इसके संस्थापक गुरपतवंत पन्नू ने लाहरौ प्रेस क्लब में एक मीटिंग की है और वहां खालिस्तान (Khalistan) के झंडे का अनावरण किया. साथ ही शिमला को इसकी राजधानी बताया है. उसने भारत में 'पंजाब की स्वतंत्रता के लिए जनमत संग्रह' कराने की तारीखों की भी घोषणा कर दी है.
भारत में अलगाववादी गतिविधियों के कारण वॉन्टेड घोषित किए गए भारतीय मूल के वकील पन्नून ने लाहौर प्रेस क्लब में पाकिस्तानी पत्रकार से कहा है कि पंजाब की स्वतंत्रता का जनमत संग्रह 26 जनवरी, 2023 से पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में होगा. ये वही समय है, जब भारत में गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा. इस जनमत संग्रह का प्रचार करने को लेकर पंजाब में बहुत से लोगों को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. इससे पहले अनौपचारिक जनमत संग्रह लंदन से शुरू हुआ था. यह इटली और स्विटजरलैंड में भी हुआ.
शहबाज शरीफ का जिक्र किया
पन्नू एसजेएफ का जनरल काउंसिल है. उसने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी से कहा है कि वह 'खालिस्तान के जनमत संग्रह की लोकतांत्रित पहल के लिए राजनयिक समर्थन को बढ़ाकर अवसर का लाभ उठाएं ताकि नया और दोस्ताना पड़ोसी मिल सके, जो पाकिस्तान के पूर्वी फ्रंट पर होगा. आजाद होने के बाद खालिस्तान पाकिस्तान के साथ सहयोग करके दक्षिण एशिया में पावर को संतुलित करेगा और क्षेत्र में स्थिरता, शांति और समृद्धि लाएगा.'
जानकारी के मुताबिक, एसजेएफ ने जो खालिस्तानी नक्शे का अनावरण किया है, उसमें 1996 से पहले के पंजाब के इलाके शामिल हैं, जिसमें हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के वो इलाके भी हैं, जहां बड़ी संख्या में सिख रहते हैं. पन्नू ने पाकिस्तानी मीडिया से दावा किया है कि 'शिमला भविष्य के सिखों के जन्मस्थल, खालिस्तान की राजधानी होगी.' बता दें ये सब ऐसे समय पर हो रहा है, जब ऑपरेशन ब्लूस्टार की 38वीं बरसी है. इस दौरान स्वर्ण मंदिर में कट्टरपंथी सिख संगठनों के साथ-साथ शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के समर्थकों ने खालिस्तान के समर्थन में नारे लगा रहे हैं. सिखों की सर्वोच्च अकाल तख्त के पास स्वर्ण मंदिर में संगमरमर के परिसर में खालिस्तान समर्थक नारों की गूंज सुनाई दी है.
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