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सिंगापुर सरकार कई बार बहुसंख्यक चीनी समुदाय से अपील करना बेकार, अब देश में लागू होगा नया कानून

Neha Dani
5 Sep 2021 11:03 AM GMT
सिंगापुर सरकार कई बार बहुसंख्यक चीनी समुदाय से अपील करना बेकार, अब देश में लागू होगा नया कानून
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अपने हिस्से का कार्य करना अहम है और वे अल्पसंख्यकों के प्रति संवेदनशील और सजग रहें.’

सिंगापुर में हाल में नस्लीय भेदभाव से जुड़े कई मामले सामने आने के बाद देश सौहार्द बनाए रखने के लिए नरम लेकिन प्रभावशाली रुख अपना रहा है (Racist Incidents). यहां मीडिया में आई एक खबर में यह जानकारी दी गई है. कानून और गृह मामलों के मंत्री के. षणमुगम (K Shanmugam) ने कहा कि नस्लीय सौहार्द पर नया कानून लाया जा रहा है. प्रधानमंत्री ली सीन लूंग ने 29 अगस्त को राष्ट्रीय दिवस की रैली में नस्लीय सद्भाव अनुरक्षण अधिनियम की घोषणा की थी.

उन्होंने सिंगापुर में कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के बीच नस्लीय घटनाएं बढ़ने के बाद यह घोषणा की. 'द स्ट्रेट्स टाइम्स' ने कानून मंत्री के हवाले से कहा, 'बाजार या फूड सेंटर या लिफ्ट में हर दिन एक-दूसरे से बातचीत करने के कारण आप सभी को अदालत तक नहीं ले जाना चाहते और फिर उन्हें जेल में डालना या उन पर जुर्माना लगाना या उनके साथ अपराधियों की तरह बर्ताव करना नहीं चाहते. मुझे लगता है कि यह एक असंभव स्थिति है. चीजें बेहतर करने के बजाय आप उन्हें बदतर बना देंगे.'
देश में सबसे ज्यादा चीनी नागरिक
षणमुगम ने कहा कि इसके बजाय सरकार गैर दंडात्मक प्रतिबंधों पर विचार करने के लिए संस्कृति, सामुदायिक और युवा मंत्रालय और नस्लीय सद्भाव को बढ़ावा दे रही राष्ट्रीय संस्थान वनपीपुलडॉटएसजी जैसी एजेंसियों के साथ निकटता से काम करेगी (Singapore New Law Against Racism). सिंगापुर की आबादी 59 लाख है. जिसमें सबसे अधिक संख्या चीनी नागरिकों की है और उसके बाद मलेशियाई, भारतीय और एशियाई एवं कॉकेशसी मूल के अन्य नागरिक आते हैं.
चीनी समुदाय से की थी अपील
इससे करीब दो महीने पहले सिंगापुर के वरिष्ठ मंत्री लॉरेंस वांग ने बहुसंख्यक चीनी समुदाय से अल्पसंख्यक समुदायों के प्रति संवदेनशील होने की अपील की थी. इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिसी स्टडीज में नस्ल और नस्लवाद पर बोलते हुए वित्तमंत्री वांग ने सिंगापुर में चर्चित घटनाओं के बीच देश में नस्लवाद पर चिंता जताई थी (Chinese in Singapore). उन्होंने कहा था, 'पहले हमें यह स्वीकार करना होगा कि किसी भी बहुनस्लीय समाज में बहुसंख्यकों के मुकाबले अल्पसंख्यक होना अधिक मुश्किल होता है. यह पूरी दुनिया में होता है. इसलिए सिंगापुर के बहुसंख्यक समुदाय के लिए अपने हिस्से का कार्य करना अहम है और वे अल्पसंख्यकों के प्रति संवेदनशील और सजग रहें.'


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