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फेसबुक ने टैग सुझाव वाले इस फीचर मामले में इलिनोइस के खिलाफ एक मामला भी दर्ज कराया था।
फेसबुक (Facebook) ने कहा है कि वह चेहरा पहचानने की प्रणाली (Face Recognition System) को बंद करेगा और एक अरब से भी ज्यादा लोगों का फेसप्रिंट डिलीट कर देगा। फेसबुक ने यह कदम दुनियाभर में इस तकनीक को लेकर जताई जा रही चिंता के बाद उठाया है। इस तकनीक में फोटो और वीडियो के जरिये लोगों को आसानी से पहचान लिया जाता है।
#WATCH: It's been a big mistake. The world will look to China & say what value-added they provided. They've lost the ability to influence people... here at COP. Same way I would argue with regard to Russia: POTUS on China, Russia not attending G20 & COP26
— ANI (@ANI) November 2, 2021
(Source: White House) pic.twitter.com/AUrLTTn1Wp
फेसबुक की नई पैरेंट कंपनी 'मेटा (Meta)' के वाइस प्रेसिडेंट जेरोम पेसेंटी (Jerome Pesenti) ने मंगलवार को अपने ब्लाग पोस्ट में कहा, 'यह बदलाव टेक्नोलाजी के इतिहास में फेस रिकग्निशन की उपयोगिता को लेकर बड़ा और अहम बदलाव का प्रतिनिधित्व करेगा।'
पेसेंटी ने पोस्ट में कहा है कि फेसबुक के सक्रिय उपभोक्ताओं में से एक तिहाई से ज्यादा लोगों ने हमारी चेहरा पहचानने की सेटिंग को स्वीकार किया है और वे पहचान करने में सफल रहे हैं। इसे हटाने का मतलब होगा कि एक अरब से भी ज्यादा लोगों के चेहरा पहचानने के टेंपलेट को डिलीट किया जाएगा । उन्होंने कहा कि कंपनी लोगों की बढ़ रही चिंताओं के बीच प्रौद्योगिकी के सकारात्मक उपयोग को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। खासकर इसे देखते हुए कि नियामक को इस मुद्दे पर स्पष्ट कानून बनाना है।
फेसबुक का यह फैसला गुरुवार के उस एलान के बाद आया है, जिसमें कंपनी ने अपना नाम बदलने की बात कही थी। कंपनी ने कहा था कि वह अपना नाम बदलकर मेटा रख रही है। इसके साथ ही इसने कहा था कि वह इंटरनेट के सफर में कल्पनाशीलता को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करेगी।
2019 में कंपनी ने अपने ऐसे ही एक प्रैक्टिस को खत्म कर दिया था जिसके तहत फेस रिकग्निशन साफ्टवेयर के इस्तेमाल से टैग का आप्शन आता था। फेसबुक ने टैग सुझाव वाले इस फीचर मामले में इलिनोइस के खिलाफ एक मामला भी दर्ज कराया था।
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