कनाडा में रहने वाले विवादित सिख नेता रिपुदमन सिंह मलिक (Ripudaman Singh Malik) की गुरुवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई. उसका मर्डर गुरुवार सुबह कनाडा (Canada) के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में हुआ. रिपुदमन सिंह मलिक का नाम वर्ष 1985 में एयर इंडिया की फ्लाइट (Air India bombing Case) के अपहरण मामले में सामने आया था. इस घटना में फ्लाइट में सवार सभी लोग बम विस्फोट की वजह से हवा में ही मारे गए थे. इस मामले में बाद में मलिक को दोषमुक्त कर दिया गया था.
कनाडा पहुंच रही है छोटी बहन
रिपुदमन सिंह मलिक के रिश्तेदार जसपाल सिंह ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया, 'हमें नहीं पता कि किसने रिपुदमन की हत्या की. उनकी छोटी बहन कनाडा पहुंच रही हैं.'
पुलिस के मुताबिक मलिक (Ripudaman Singh Malik) पर गुरुवार सवेरे करीब 9 बजे सर्रे में उनके ऑफिस के बाहर फायरिंग की गई. मलिक को इतने पास से गोलियां मारी गईं थीं कि उसका बचना नाममुकिन था. सूत्रों के मुताबिक जिस जगह रिपुदमन मलिक की हत्या हुई, वहां से कुछ दूरी पर एक जली हुई कार भी बरामद हुई है. हालांकि पुलिस अभी तक दोनों घटनाओं में कोई कनेक्शन नहीं जोड़ पाई है. माना जा रहा है कि यह टारगेट किलिंग की घटना थी, जिसे सुनियोजित तरीके से प्लान करके अंजाम दिया गया.
एयर इंडिया विस्फोट केस में आया था नाम
रिपुदमन सिंह मलिक (Ripudaman Singh Malik) कथित रूप से एयर इंडिया की फ्लाइट में हुए बम विस्फोट की साजिश में शामिल था. वर्ष 1985 में हुई इस घटना में एयर इंडिया की फ्लाइट नंबर-182, जिसे कनिष्क भी कहा जाता था. वह 23 जून 1985 को कनाडा से उड़कर भारत की ओर चली. उसी दौरान आयरलैंड के समुद्री किनारे के पास पहुंचने पर उसमें जोरदार धमाका हुआ (Air India bombing Case) और प्लेन के चिथड़े उड़ गए. इस घटना में प्लेन में सवार सभी 329 लोगों की जान चली गई थी. मरने वालों में यात्रियों समेत क्रू मेंबर भी शामिल थे.
जिन लोगों की इस घटना में जान गई, उनमें 280 कनाडियन-नागरिक थे. इस लोमहर्षक घटना में 29 परिवार पूरी तरह खत्म हो गए. वहीं 86 बच्चे, जिनकी उम्र 12 साल से कम थी, वे भी इस बम विस्फोट में मारे गए.
आतंकी संगठन बब्बर खालसा से था संबंध?
रिपुदमन सिंह मलिक (Ripudaman Singh Malik) को कथित रूप से आतंकी संगठन बब्बर खालसा से जुड़ा हुआ माना जाता था. इस संगठन पर पंजाब में कई बम विस्फोट करने और निर्दोष लोगों की हत्या का आरोप रहा है. मलिक के बब्बर खालसा के आतंकी तलविंदर सिंह परमार से भी रिश्ते बताए जाते थे. परमार को ही एयर इंडिया की फ्लाइट में हुए विस्फोट का मास्टरमाइंड माना जाता है. इस संगठन को कनाडा, भारत, अमेरिका समेत कई देशों ने अपने यहां बैन किया हुआ है.
रिपुदमन सिंह मलिक (Ripudaman Singh Malik) और दूसरे सह-अभियुक्त अजायब सिंह बागड़ी को वर्ष 2005 में इस बम विस्फोट में बरी कर दिया गया था. बरी होने से पहले वह 4 साल तक जेल में रहा था. बरी होने के बाद मलिक ने कनाडा (Canada) सरकार से उसे मुआवजे के नाम पर 9.2 मिलियन डॉलर देने की मांग की थी, जिसे ब्रिटिश कोलंबिया के जज ने रिजेक्ट कर दिया था.
वर्ष 1985 में एयर इंडिया की फ्लाइट में हुआ बम विस्फोट (Air India bombing Case) कनाडा के इतिहास में आज तक की सबसे बड़ी आतंकी वारदात मानी जाती है. इस के मुजरिमों को कनाडा आज तक सजा नहीं दिला पाया है.
भारत ने एक दशक लगा रखा एंट्री पर बैन
रिपुदमन सिंह मलिक पर भारत ने एक दशक तक देश में घुसने पर बैन लगाए रखा. सिख संगठनों के अनुरोध पर मोदी सरकार ने उसे 2020 में सिंगल एंट्री वीजा दिया. इसके बाद हाल ही में 2022 में मल्टीपल वीजा दिया गया था. जिसके बाद उसने मई में दिल्ली, पंजाब, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र की तीर्थ यात्रा की थी.
बीजेपी प्रवक्ता ने जारी किया बयान
इस मुद्दे पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह (RP Singh) ने भी अपना बयान जारी किया है. आरपी सिंह ने कहा कि रिपुदमन सिंह मलिक (Ripudaman Singh Malik) को एयर इंडिया बम विस्फोट केस में बरी कर दिया गया था. वे कनाडा (Canada) में खालसा स्कूल चलाते थे. पिछले कुछ समय से वे लगातार कट्टरपंथियों के निशाने पर थे. इसकी वजह ये थी कि उन्होंने मोदी सरकार की ओर से भारत में सिखों के कल्याण के लिए उठाए जा रहे कदमों की तारीफ की थी.