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भारत में जिस तरह 'कौन बनेगा करोड़पति' शो का दबदबा है, उसी तरह हॉलीवुड इंडस्ट्री में 'हू वॉन्ट्स टू बी अ मिलिनेयर' (Who Wants To Be A Millionaire) का जोश लोगों में देखने को मिलता है. न तो करोड़पति बनना आसान है, और न ही मिलिनेयर बनना. हाल ही में इस शो में भाग लिए एक हॉलीवुड कंटेस्टेंट ने शो के पीछे की सच्चाई बयां की है. जो कंटेस्टेंट 'हू वॉन्ट्स टू बी अ मिलिनेयर' बनना चाहता था, उसका कहना है कि स्टूडियो में मौजूद ऑडियन्स हमेशा गलत जवाब देती है. लाइफलाइन रखने का कोई सही मकसद समझ नहीं आता है.
लाइव स्टूडियो ऑडियन्स शो में बहुत बड़ा हिस्सा प्ले करती है. 'आस्क द ऑडिन्स' नाम की लाइफलाइन का इस्तेमाल कंटेस्टेंट अपने सुविधा अनुसार कर सकता है, लेकिन जब जवाब देने की बारी आती है तो ऑडियन्स गलत जवाब देकर उसे हरा देती है. ऐसा हम नहीं, बल्कि शो के एक कंटेस्टेंट का कहना है. शो से जुड़े कुछ सीक्रेट्स के बारे में कंटेस्टेंट ने बताया है.
कंटेस्टेंट का शॉकिंग खुलासा
एक पूर्व कंटेस्टेंट ने बताया कि स्टूडियो ऑडियन्स एकदम यूजलेस होती है. Reddit को टीवी शो के बिहाइंड-द-सीन्स के बारे में बताते हुए कंटेस्टेंट ने कहा, "ऑडियन्स जानबूझकर गलत जवाब देती है. ऐसे में जल्दी-जल्दी दूसरों को गेम खेलने का चांस मिलता है. मैं हू वॉन्ट्स टू बी अ मिलिनेयर पर था और यह एक स्क्रिप्टेंड शो है. 30 मिनट की फिल्म बनाने के लिए पूरा आधा दिन शूट होता है."
कंटेस्टेंट ने आगे कहा कि जब आप इंट्रो राउंड जीत जाते हो तो आपको मेकअप के लिए लेकर जाया जाता है. वहां, आपको वह बताते हैं कि आपको किस तरह एक्ट करना है और कब सेलिब्रेट करना है. जब जवाब देने के लिए लाइफलाइन लेते हैं तो स्टूडियो में मौजूद ऑडियन्स जानबूझकर गलत जवाब देती हैं. 20 से 30 फीसदी ऑडियन्स दोस्त या परिवार से जुड़े होते हैं. बाकी के सात कंटेस्टेंट अपनी बारी का इंताजर कर रहे होते हैं. हम दो दिन स्टूडियो में ही बिताते हैं. अगर शुरुआती कंटेस्टेंट हार जाता है तो बाकी को चांस मिलता है. अगर एक कंटेस्टेंट सही जवाब देते हुए आगे बढ़ता है तो बाकी के कंटेस्टेंट्स का फिर नंबर आने में देरी होती है. ऑडियन्स जानबूझकर गलत जवाब बताती है, जिससे लोगों का नंबर जल्दी-जल्दी आ सके.
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