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यह समूह विशेष रूप से अकेली महिलाओं का शिकार करता है।
दुनियाभर के ईसाई अपनी मान्यताओं के आधार पर प्रभु ईसा मसीह की वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। लेकिन एक उप-संप्रदाय का मानना है कि ईसा मसीह चीन की एक महिला के रूप में धरती पर लौट चुके हैं। चीन के ईस्टर्न लाइटनिंग चर्च से जुड़ा समुदाय चीनी महिला को ईसा मसीह का अवतार मानता है। इसे 'द चर्च ऑफ ऑलमाइटी गॉड' के रूप में भी जाना जाता है। इसे 1991 में चीन में स्थापित किया गया था और इसके करीब 30 से 40 लाख सदस्य हैं।
इन लोगों का विश्वास है कि यीशू ने एक चीनी महिला के रूप में पुनर्जन्म लिया है। हालांकि उनके साहित्य में महिला का नाम नहीं लिया गया है लेकिन माना जाता है कि वह यांग जियांगबिन हैं, जिन्हें देंग के नाम से भी जाना जाता है। वह संप्रदाय के संस्थापक झाओ वीशान की प्रेमिका भी हैं। चर्च की आधिकारिक मूल कहानी के अनुसार, '1991 में चर्च में एक सिस्टर ने पवित्र आत्मा से बात की और 'परमेश्वर के नाम' और 'परमेश्वर के आगमन' की गवाह बनी।
सरकार ने लगा दिया था बैन
कहानी के अनुसार, 'सभी उत्साहित थे लेकिन समझ नहीं पा रहे थे कि क्या हो रहा है। तब यीशू ने एक के बाद एक बातें करते हुए बोलना शुरू किया। लोगों ने महसूस किया कि यह शब्द पवित्र आत्मा के हैं और निश्चित रूप से परमेश्वर की ओर से हैं।' स्थानीय मीडिया ने इस समूह को 'चीन का सबसे खतरनाक पंथ' कहा है। कम्युनिस्ट सरकार ने 1995 में औपचारिक रूप से इसे झी जिओ (दुष्ट पंथ) के रूप में प्रतिबंधित कर दिया था।
हिंसा और बर्बरता का दूसरा नाम ईस्टर्न लाइटिंग
ईस्टर्न लाइटिंग को लेकर सार्वजनिक रूप से ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है लेकिन जितनी भी है वह परेशान करने वाली है। क्रिश्चियनिटी टुडे ने विश्वविद्यालय के स्कॉलर्स से बात की जिन्होंने चर्च के सदस्यों पर शोध और इंटरव्यू में अपना समय बिताया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि समूह अपने साथ लोगों को जोड़ने के लिए हिंसा, जबरदस्ती और डराने-धमकाने का इस्तेमाल करता है। रिपोर्ट में कहा गया कि समूह ने लोगों को अपने परिवारों और घर-सामान को छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था। यह समूह विशेष रूप से अकेली महिलाओं का शिकार करता है।
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