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ईसाई राष्ट्र हो जो धार्मिक विविधता के इस नकारात्मक दृष्टिकोण को व्यक्त करे.
सुपरपावर अमेरिका (US) को 10 में 4 लोग ईसाई राष्ट्र (Christian Country) बनते देखना चाहते हैं, ये बड़ा दावा वाशिंगटन स्थित एक अमेरिकी थिंक-टैंक प्यू रिसर्च सेंटर के एक नए सर्वे में किया गया है. सर्वे में यह सामने आया है कि अधिकांश अमेरिकी यानी 10 में से 8 अमेरिकी मानते हैं कि अमेरिका की स्थापना एक ईसाई राष्ट्र के तौर पर हुई थी. साथ ही, प्यू के सर्वे के अनुसार, अधिकांश अमेरिकियों का ये भी मानना है कि चर्चों और पूजा के अन्य स्थलों को राजनीति से बाहर रखना चाहिए और चुनावी कैंडिडेट्स का समर्थन नहीं करना चाहिए या दिन-प्रतिदिन के राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त नहीं करने चाहिए.
सर्वे में किया गया चौंकाने वाला दावा
प्यू सर्वे के अनुसार, 10 में से 6 वयस्क, जिनमें 10 में से सात ईसाई शामिल हैं- का कहना है कि संस्थापक 'मूल रूप से अमेरिका के लिए एक ईसाई राष्ट्र होने की इच्छा रखते थे'. प्यू सर्वे की रिपोर्ट में कहा गया है कि और 45 प्रतिशत अमेरिकी वयस्क जिसमें 10 में से छह ईसाई शामिल हैं- ने कहा कि उन्हें लगता है कि अमेरिका को एक ईसाई राष्ट्र होना चाहिए. वहीं, एक तिहाई का कहना है कि अमेरिका 'अब' एक ईसाई राष्ट्र है.
क्या है ईसाई राष्ट्रवाद?
बता दें कि ईसाई राष्ट्रवाद को एक विचारधारा के रूप में परिभाषित किया गया है. जिसके मुताबिक, ईसाई धर्म अमेरिका की नींव है और देश को उस रिश्ते की रक्षा करनी चाहिए. दावा है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कुछ करीबी सहयोगी इस विचारधारा को मानते हैं. पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल फ्लिन उनमें से हैं, जैसा कि डौग मास्ट्रियानो, पेंसिल्वेनिया के गवर्नर पद के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार हैं, जिन्हें ट्रंप द्वारा समर्थन दिया गया है.
चिंता का विषय बना ईसाई राष्ट्रवाद
प्यू सर्वे के तुलनात्मक आंकड़ों के मुताबिक, ईसाई राष्ट्रवाद में विश्वास रखने वालों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. लेकिन एक पॉलिटिकल साइंटिस्ट रयान बर्ज ने कहा कि 'ईसाई राष्ट्रवाद' जुलाई 2022 में पूरे 2021 की तुलना में अधिक ट्वीट्स में आया. शायद गैर-ईसाई अमेरिकियों के लिए यह सबसे ज्यादा चिंता का विषय है, जिनमें भारतीय मूल के लोग भी शामिल हैं, जो ज्यादातर हिंदू धर्म के हैं.
सर्वे में कहा गया है कि जो लोग अमेरिका को एक ईसाई राष्ट्र बनाना चाहते हैं, वे उन लोगों की तुलना में कहीं अधिक इच्छुक हैं जो नहीं चाहते कि अमेरिका एक ईसाई राष्ट्र हो जो धार्मिक विविधता के इस नकारात्मक दृष्टिकोण को व्यक्त करे.
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Neha Dani
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