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इस प्लांट को भविष्य में प्रयोग के लिए बंद कर दिया गया.
चीन में बड़ी संख्या में केमिकल प्लांट (Chemical Plant) मौजूद हैं, जहां पेस्टिसाइड और फर्टिलाइजर का उत्पादन किया जाता है. केमिकल प्लांट में मौजूद अतिसंवेदनशील पदार्थों से नुकसान का खतरा बना रहता है. ऐसे में इनके रखरखाव का खासा ख्याल रखना पड़ता है. हालांकि, इसके बाद भी केमिकल प्लांट में कई ऐसी दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसने दुनिया को झकझोर कर रख दिया है. ऐसी ही एक घटना आज ही के दिन चीन में हुई थी. जब जियांगसू (Jiangsu) में स्थित केमिकल प्लांट में हुए धमाके में 78 लोगों की मौत हो गई और 617 लोग घायल हुए.
जियांगसू के चेनजीजांग में 'चेनजीगांग केमिकल इंडस्ट्री पार्क' स्थित है, जहां मौजूद केमिकल प्लांट में 21 मार्च 2019 को एक जबरदस्त धमाका हुआ. इस केमिकल प्लांट को जियांगसू केमिकल प्लांट (Xiangshui chemical plant) के रूप में जाना जाता था. इस धमाके का असर इतना भयानक था कि आस-पास के इलाके में मौजूद इमारतों की खिड़कियां टूट गईं. केमिकल प्लांट में हुए इस धमाके ने चीन में जारी भ्रष्टाचार की परतें भी खोल कर रख दी.
सुरक्षा का ख्याल नहीं रखने पर प्लांट पर लग चुका था जुर्माना
जियांगसू केमिकल प्लांट का संचालन तियानजेई केमिकल करती थी और यहां फर्टिलाइजर और पेस्टिसाइड का उत्पादन किया जाता था. बताया गया कि प्लांट में कुछ अत्यधिक ज्वलनशील कंपाउंड सहित ओर्गेनिक केमिकल का उत्पादन किया जाता था. इस प्लांट की पहचान कचरा फैलाने वाले प्लांट के तौर पर होती थी. प्रदूषण फैलाने, कचरा प्रबंधन कानून का उल्लंघन करने और सुरक्षा का ख्याल नहीं रखने के चलते प्लांट पर छह बार जुर्माना भी लग चुका था.
पत्रकारों और अधिकारियों को दी घूस, ताकि प्लांट की नकारात्मक खबरें ना छपें
इस केमिकल प्लांट में पहले भी आग लगने की घटनाएं सामने आ चुकी थीं, जिसमें कई लोग मारे गए थे. ऐसे केमिकल प्लांट को दुर्घटना से बचाने के लिए कोई बेहतर प्लान नहीं होने के चलते हमेशा ही खतरा बना रहता था. जियांगसू केमिकल प्लांट को लेकर एक मीडिया रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि ये प्लांट लोगों को रिश्वत देता था. साथ ही पत्रकारों और स्थानीय अधिकारियों को भी रिश्वत दिया करता था, ताकि वह केमिकल प्लांट के बारे में नकारात्मक खबरों का प्रचार न करें.
कई किमी दूर तक चकनाचूर हुईं इमारतों की खिड़कियां
जियांगसू में 21 मार्च 2019 का दिन आम दिनों की तरह था. लेकिन दोपहर में यहां स्थित केमिकल प्लांट में हुए धमाके ने सब कुछ बदलकर रख दिया. स्थानीय समय के मुताबिक, करीब 2.48 बजे केमिकल प्लांट में एक जबरदस्त धमाका हुआ. इस धमाके के बाद प्लांट सहित पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई. इस धमाके की तीव्रता इतनी अधिक थी कि इसके चलते पास के यांगचेंग कस्बे में कई इमारतें हिल उठीं. प्लांट से कई किलोमीटर दूर स्थित घरों और इमारतों की खिड़कियां चकनाचूर हो गईं.
धमाके से महसूस हुए भूकंप के झटके
केमिकल प्लांट से आग की लपटें उठ रही थीं. दमकलकर्मियों की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया. हालांकि, जब तक आग को काबू में किया जाता, तब तक बड़ा नुकसान हो चुका था. आस-पास मौजूद कस्बों में कई घरों की छतें इस धमाके के चलते उड़ गईं. धमाके का असर इतना खतरनाक था कि भूकंप मापने वाले उपकरणों पर धरती के हिलने की गतिविधियां रिकॉर्ड की गईं. कई दिनों तक प्लांट से लाशों को निकालने का सिलसिला जारी है. बचाव अभियान खत्म होने पर पता चला कि कुल मिलाकर 78 लोगों ने इस धमाके में अपनी जान गंवाई और 617 लोग घायल हुए.
धमाके के बाद बंद हुआ प्लांट
जियांगसू केमिकल प्लांट में हुए इस धमाके की असल वजह का पता नहीं चल सका. धमाके से पहले प्लांट में कुछ भी असामान्य होने की कोई रिपोर्ट नहीं थी. प्लांट के एक वर्कर ने बताया कि धमाके की वजह नेचुरल गैस टैंकर में आग लगना था, जो बेंजॉयल स्टोरेज टैंक तक फैल गई. लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी. जब पत्रकारों ने धमाके की वजह का पता लगाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करना शुरू किया तो स्थानीय सरकार ने ड्रोन विरोधी तकनीक के जरिए इस पर रोक लगाने का प्रयास किया. वहीं, इस प्लांट को भविष्य में प्रयोग के लिए बंद कर दिया गया.
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