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मस्क ने अपने आइडिया को दोहराया और कहा कि मानवता को एक 'बहु-ग्रह प्रजाति' बनाना चाहिए।
वॉशिंगटन: मंगल ग्रह पर शहर बसाने का सपना देख रही दुनिया के लिए बुरी खबर है। मंगल ग्रह पर तरल अवस्था में पानी मिलने की संभावनाएं खत्म हो गई हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि पहले माना जाता था कि मंगल ग्रह के दक्षिणी ध्रुव पर मिली विशाल झील में पानी के विशाल भंडार हो सकते हैं। हालांकि अब ताजा शोध से पता चला है कि यह पानी होने के धोखे के अलावा कुछ नहीं है। इससे पहले साल 2018 में पानी की तलाश कर रहे वैज्ञानिकों को दक्षिणी ध्रुव की रेडॉर से की गई जांच में तेज चमक दिखाई पड़ी थी।
इसके बाद यह माना गया था कि परावर्तित हो रही चमक पानी हो सकती है, हालांकि अब ताजा शोध में इस खुलासे को लेकर विवाद हो गया है। अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के वैज्ञानिकों की ओर से रेडॉर तस्वीरों की फिर से की गई जांच में यह पता चला है कि वे किरणें पानी नहीं बल्कि ज्वालामुखी चट्टानें हैं। नासा की ओर से कराए जा रहे इस शोध में यह पता चला है कि जो चमक बर्फ में दिखाई दे रही है, वह ठीक उसी तरह से है जैसे लाल ग्रह की सतह पर पूरे ज्वालामुखी इलाके में दिखाई देती है।
पानी भविष्य में इंसान के उतरने के दौरान बेहद अहम संसाधन
वैज्ञानिकों ने कहा कि साल 2018 में हुई विशाल झीलों की खोज की यह ज्यादा 'विश्वसनीय व्याख्या' है। उन्होंने कहा कि लाल ग्रह का दक्षिणी ध्रुव ठंडा और बंजर है। यहां पर पानी के तरल अवस्था में बने रहने के लिए जरूरी परिस्थितियां नहीं हैं। अब यही टीम एक नए मिशन पर काम कर रही है ताकि मंगल ग्रह पर पानी की तलाश की जा सके। मंगल पर पानी मिलना भविष्य में इंसान के उतरने के दौरान बेहद अहम संसाधन होगा।
बता दें कि दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क मंगल ग्रह पर इंसानी शहर बसाना चाहते हैं। मस्क ने भविष्यवाणी की है कि उनकी कंपनी स्पेसएक्स अगले 10 सालों के भीतर इंसानों को मंगल पर ले जाने में सक्षम होगी। मस्क ने हाल ही में लेक्स फ्रिडमैन पॉडकास्ट पर यह साहसिक दावा किया था। मस्क ने अपने आइडिया को दोहराया और कहा कि मानवता को एक 'बहु-ग्रह प्रजाति' बनाना चाहिए।
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