विश्व

अमेरिका के एक पार्क में 1993 में ट्रैफिक बैरियर बन गया शिवलिंग, भक्तों ने कहा- मंदिर यहीं बनेगा!

Neha Dani
19 May 2022 8:46 AM GMT
अमेरिका के एक पार्क में 1993 में ट्रैफिक बैरियर बन गया शिवलिंग, भक्तों ने कहा- मंदिर यहीं बनेगा!
x
हालांकि इससे पार्क में आने वाले बाकी लोगों के लिए समस्या पैदा हो रही थी और पार्क के ठीक बीच में बड़ी संख्या में भक्त इकट्ठा हो रहे थे।

दुनिया में सैकड़ों धर्म हैं और हर धर्म की अपनी मान्यताएं और विश्वास हैं जिनका उस धर्म के श्रद्धालु पालन करते हैं। इसी तरह हिंदू धर्म में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। भगवान शिव के प्रतीक शिवलिंग के प्रति पूरी दुनिया में हिंदू धर्म के श्रद्धालुओं में असीम आस्था देखने को मिलती है। इसका उदाहरण 90 के दशक में देखने को मिला था जब लोग एक ट्रैफिक बैरियर को शिवलिंग समझकर उसकी पूजा करने लगे थे।

साल 1993 में, अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में गोल्डेन गेट पार्क में रखे एक ट्रैफिक बैरियर पर हिंदू धर्म के एक व्यक्ति ने गौर किया। इसका आकार बिल्कुल शिवलिंग जैसा था, जिसे बाद में लोग पूजने लगे और यह जगह श्रद्धालुओं के लिए पूजास्थल बन गई। अमेरिकी हिंदू बसुल पारिक ने पहली बार इस पत्थर को नोटिस किया था। सीएनएन के एक वीडियो से पता चलता है कि एक क्रेन ऑपरेटर ने इन पत्थरों को पार्क में रखा था ताकि जरूरत पड़ने पर प्राधिकरण इनका इस्तेमाल ट्रैफिक बैरियर के रूप में कर सके।
'शिवलिंग' पर चढ़ाते थे दूध और शहद


हालांकि हिंदू समुदाय इस जगह का इस्तेमाल पूजास्थल के रूप में करने लगा। धीरे-धीरे दूर-दराज इलाकों से लोग यहां पूजा करने के लिए आने लगे। ज्यादातर श्रद्धालु सोमवार को आते थे, पूजा करते थे और 'शिवलिंग' पर दूध, शहद, फूल चढ़ाते थे। लोग इस पत्थर के सामने ध्यान लगाते, योगा करते, बांसुरी बजाते और मंत्रोच्चारण करते थे। कई लोगों ने पार्क के भीतर एक स्थायी मंदिर बनाने की मांग की लेकिन स्थानीय प्राधिकरण इसके पक्ष में नहीं था।
कई प्रयासों के बाद बदली गई जगह
अधिकारी सार्वजनिक संपत्ति पर मंदिर नहीं बनाना चाहते थे। कई प्रयासों के बाद अधिकारी पार्क से इसे हटाने में कामयाब हुए और इसे सनसेट जिले के एक स्टूडियो में रख दिया गया जिन्होंने कहा कि भक्त यहां आकर पूजा-पाठ कर सकते हैं। कई लोग प्रशासन के इस फैसले से नाखुश थे क्योंकि उनका मानना था कि यह स्थान उनकी आस्था से जुड़ा था। हालांकि इससे पार्क में आने वाले बाकी लोगों के लिए समस्या पैदा हो रही थी और पार्क के ठीक बीच में बड़ी संख्या में भक्त इकट्ठा हो रहे थे।

Next Story