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मिस्र की स्वेज नहर में फिर फंसा जहाज, अधिकारी घबराए

Rounak Dey
1 Sep 2022 9:07 AM GMT
मिस्र की स्वेज नहर में फिर फंसा जहाज, अधिकारी घबराए
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इस लिहाज से यह यूरोप और एशिया के बीच व्यापार के लिए महत्वपूर्ण मार्ग है। साल 2020 में नहर से करीब 19,000 जहाज गुजरे थे।

काहिरा : मिस्र की स्वेज नहर एक बार फिर चर्चा में आ गई है। एक बार फिर इसके सुर्खियों में आने की वजह एक जहाज है जो नहर में फंस गया था। मिस्र की स्वेज कैनाल में फंसे एक टैंकर को टग बोट्स की मदद से बुधवार देर रात निकाल लिया गया। स्वेज कैनाल अथॉरिटी (SCA) और सरकारी टीवी ने इसकी जानकारी दी है। सूत्रों के हवाले रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जहाज ने कैनाल के दक्षिणी हिस्से को ब्लॉक कर दिया था लेकिन कुछ देर बाद कैनाल में आवागमन दोबारा शुरू हो गया। SCA की तरफ से फिलहाल इस घटना के संबंध में कोई बयान जारी नहीं किया गया है।


शिप मॉनिटरिंग सर्विस टैंकर ट्रैकर्स के मुताबिक, ऐसा प्रतीत होता है कि अफ्रामैक्स टैंकर एफिनिटी वी ने दक्षिण की ओर बढ़ते वक्त अपना नियंत्रण खो दिया था। ट्विटर पर टैंकर ट्रैकर्स ने कहा कि जहाज ने अस्थायी रूप से ट्रैफिक को रोक दिया था जो अब दोबारा दक्षिण की ओर बढ़ रहा है। लेकिन इसकी रफ्तार अब धीमे है। इस ऑयल टैंकर पर सिंगापुर का झंडा लगा हुआ था जो नहर के सिंगल लेन स्ट्रेच में फंस गया था और पांच टग बोट की मदद से इसे निकाला गया।
पांच घंटे में निकल गया जहाज
एबीसी न्यूज ने स्वेज कैनाल अथॉरिटी के एक प्रवक्ता के हवाले से कहा कि जहाज स्थानीय समयानुसार शाम करीब 7:15 बजे कैनाल में फंस गया था और लगभग पांच घंटे बाद इसे निकाल लिया गया। कैनाल में जहाज के फंसने से लोग इसलिए घबरा गए क्योंकि पिछले साल मार्च में इसी तरह का एक मालवाहक जहाज नहर में फंस गया था जिसने पूरी दुनिया की चिंता को बढ़ा दिया था। लाल सागर और भूमध्य सागर के बीच स्थित स्वेज कैनाल में एवर गिवेन नाम का जहाज सात दिनों तक फंसा रहा था जिससे जलमार्ग बाधित हो गया था और सैकड़ों जहाज पानी में फंस गए थे।

यूरोप और एशिया के बीच महत्वपूर्ण कड़ी
इस घटना के बाद अथॉरिटी ने जलमार्ग के दक्षिणी हिस्से को गहरा और चौड़ा करने पर काम शुरू कर दिया था, जहां एवर गिवेन फंस गया था। आधिकारिक आंकड़े के अनुसार स्वेज नहर से मात्रा के हिसाब से दुनिया का करीब 12 प्रतिशत व्यापार होता है। लेकिन जहाजों के जरिए माल ढुलाई के दैनिक परिवहन के आधार पर इसकी हिस्सेदारी 30 प्रतिशत है। इस लिहाज से यह यूरोप और एशिया के बीच व्यापार के लिए महत्वपूर्ण मार्ग है। साल 2020 में नहर से करीब 19,000 जहाज गुजरे थे।

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