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भारत के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है स्वेज नहर में फंसा जहाज, जानिए कैसे

Gulabi
27 March 2021 3:34 PM GMT
भारत के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है स्वेज नहर में फंसा जहाज, जानिए कैसे
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मिस्र की स्वेज नहर में एक बड़ा मालवाहक जहाज लगातार पांचवें दिन भी फंसा हुआ है

Suez Canal Blockage Egypt: मिस्र की स्वेज नहर (Suez Canal Ever Given Stuck) में एक बड़ा मालवाहक जहाज लगातार पांचवें दिन भी फंसा हुआ है. इसे निकालने की तमाम कोशिशें विफल नजर आ रही हैं. अगर आने वाले एक से दो दिन में इसे नहीं निकाला गया, तो दुनियाभर की अर्थव्यवस्था को इससे भारी नुकसान पहुंचेगा (Suez Canal Blockage). इस नुकसान से भारत भी अछूता नहीं रहेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि स्वेज नहर के इस मार्ग से दुनिया का करीब 12 फीसदी व्यापार होता है. इसलिए इसे वैश्विक व्यापार की रीढ़ भी माना जाता है. इस संकट से ना केवल मिस्र बल्कि दुनियाभर के देश परेशान हैं.

स्वेज नहर का मार्ग भूमध्यसागर को लाल सागर से जोड़ने का काम करता है (Suez Canal Connects), जो एशिया और यूरोप के बीच एक छोटा समुद्री लिंक है. इस मार्ग को बड़ा करने की बात कई बार मिस्र की सरकार ने कही है कि लेकिन फिर भी इसपर काम नहीं किया गया. अब एक बड़े जहाज के (Suez Canal Blocked) फंसे होने से अन्य कई जहाज भी सामान लाने और ले जाने में सक्षम नहीं हैं. ये नहर स्वेज इस्थमस यानी जलडमरूमध्य को पार करती है. यह करीब 193 किलोमीटर तक लंबी है (Suez Canal Evergreen Ship). इस संकट से मैन्युफैक्चरिंग सप्लाई बाधित हो सकती है, जिससे शिपिंग रेट में इजाफा होने की आशंका है.
400 मीटर लंबा है जहाज
एवर ग्रीन नाम का ये विशाल जहाज 400 मीटर लंबा है. इसके फंसे होने से दोनों तरफ जाम लगा हुआ है. सैकड़ों की संख्या में सामान ले जाने वाले अन्य जहाज और तेल कंटेनर फंसे हुए हैं (Suez Canal Blocked Update). अगर जल्द ही समस्या का समाधान नहीं हुआ तो भारत (Suez Canal and India) से यूरोप, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका भेजे जा रहे तेल, कपड़ा, फर्नीचर, कपास, मशीनों के पार्ट और ऑटो कंपोनेंट दस से 15 दिन अधिक देरी से पहुंचेंगे. वहीं दूसरी ओर से भारत आने वाला सामान जैसे स्टील का सामान, मशीनों के पार्ट और aniline जैसे मूल रसायन की खेप पहुंचने में देरी होगी.
मालभाड़े में हो सकता है इजाफा
जहाज के फंसे होने से आयात और निर्यात होने वाला सामना समय पर नहीं पहुंच पा रहा है (Suez Canal Country). आयात-निर्यात के ऑटोमेशन प्लैटफॉर्म शिप्सी का कहना है कि जहाज के फंसे होने से मालभाड़े में 5 से लेकर 15 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है (Suez Canal Evergreen Ship). भारत स्वेज नहर के रास्ते से यूरोप, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के साथ सालाना 200 अरब डॉलर तक का व्यापार करता है. ये विशालयकाय जहाज मंगलवार को फंसा था, जिसके बाद से 160 अन्य जहाज भी फंस गए. इस रास्ते से रोजाना करीब 50 जहाज गुजरते हैं.
आवाजाही का अहम रास्ता
ये रास्ता एशिया और यूरोप के बीच तेल और रोजमर्रा के अन्य सामान की आवाजाही के लिए सबसे अहम रास्ता है. अगर जहाज को जल्द ही नहीं निकाला गया तो जहाजों को केप ऑफ गुड होप के एक अन्य रास्ते से गुजरना होगा. जिसमें करीब आठ दिन अधिक सफर तो करना ही पेड़गा, साथ ही इस यात्रा में 500-800 टन अधिक ईंधन की खपत भी होगी (Suez Canal Evergreen Ship). एक मीडिया रिपोर्ट में फेडेरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन के डायरेक्टर जनरल और सीईओ अजह सहाय के हवाले से कहा गया है कि वैसे तो इस ब्लॉकेज को हटाने में 7 से 10 दिन का समय लग सकता है लेकिन स्थिति को सामान्य होने में दो हफ्ते लग जाएंगे. ऐसे में यूरोप जाने वाला इंजीनियरिंग संबंधित सामान का निर्यात महंगा हो सकता है.
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