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शिमला: बंदिशों से हिमाचल के पर्यटन को झटका, हर साल आते हैं तीन लाख विदेशी टूरिस्ट

Shiddhant Shriwas
4 Oct 2021 11:37 AM GMT
शिमला: बंदिशों से हिमाचल के पर्यटन को झटका, हर साल आते हैं तीन लाख विदेशी टूरिस्ट
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इंग्लैंड से आने वाले सैलानियों के लिए रेलवे का 116 साल पुराना स्टीम इंजन आकर्षण का केंद्र रहता है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ब्रिटिश नागरिकों को भारत आने पर 10 दिन का क्वारंटीन पीरियड अनिवार्य करने के केंद्र सरकार के फैसले से हिमाचल प्रदेश में विदेशी पर्यटन कारोबार प्रभावित होने का अंदेशा है। हर साल करीब तीन से चार लाख विदेशी सैलानी प्रदेश में पहुंचते हैं, जिनमें ब्रिटिश सैलानियों की संख्या सबसे अधिक होती है। हैरिटेज स्थलों को देखने अकेले शिमला में ही सालाना 80 हजार से अधिक ब्रिटिश सैलानी पहुंचते हैं। कोरोना के मामले बढ़ने के बाद मार्च 2020 से प्रदेश में विदेशी सैलानियों का आना पूरी तरह बंद है।

विदेशी सैलानियों से जुड़े होटल, ट्रेवल एजेंट और गाइडों का काम ठप है। बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी हैरिटेज टूरिज्म के लिए शिमला, एडवेंचर टूरिज्म के लिए मनाली और आध्यात्मिक टूरिज्म के लिए धर्मशाला का रुख करते हैं। किन्नौर और लाहौल-स्पीति भी विदेशी सैलानियों की पसंदीदा सैरगाह है। ट्रेवल एजेंट्स एसोसिएशन के महासचिव मनु सूद का कहना है कि प्रदेश में दस हजार से अधिक लोग विदेशी सैलानियों से जुड़े हैं। कई ट्रेवल कंपनियां विदेशी सैलानियों के लिए काम करती हैं।

शिमला के अलावा धर्मशाला और कुल्लू-मनाली की ट्रेवल कंपनियां ट्रांसपोर्टेशन से लेकर होटल बुकिंग का बंदोबस्त करती हैं। कालका-शिमला रेलवे और हैरिटेज स्थल देखने के लिए ब्रिटेन से टूरिस्ट खास तौर पर शिमला आते हैं। इंग्लैंड से आने वाले सैलानियों के लिए रेलवे का 116 साल पुराना स्टीम इंजन आकर्षण का केंद्र रहता है।

विदेशी सैलानियों के न आने के कारण बीते करीब डेढ़ साल से स्टीम इंजन की बुकिंग नहीं हुई है। फेडरेशन ऑफ हिमाचल होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्वनी बांबा का कहना है कि ब्रिटेन को जवाब देने के लिए भारत को कोई दूसरा कूटनीतिक रास्ता अपनाना चाहिए।


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