जनता से रिस्ता वेबडेसक | पाकिस्तान की इमरान सरकार की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब देश के उत्तर-पश्चिमी के कबायली इलाके के कुर्रम जिले में शिया व सुन्नी समुदाय के लोगों में जमकर संघर्ष हुआ। सोमवार से जारी संघर्ष में अब तक 11 लोग मारे गए और 15 घायल हो गए। एएनआई के मुताबिक यह संघर्ष वन भूमि पर पेड़ों की कटाई व जमीन पर कब्जे को लेकर शुरू हुआ।
खूनी संघर्ष के दौरान भारी हथियारों का इस्तेमाल किया गया। क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। पाकिस्तान में सांप्रदायिक हिंसा लगातार बढ़ रही है। अल-कायदा और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान से जुड़े सशस्त्र सुन्नी मुस्लिम समूह अक्सर शिया मुस्लिमों की सभाओं पर हमले करते हैं। पाकिस्तान की मुस्लिम आबादी में से 20 फीसदी शिया हैं।
तहरीके लब्बैक के 350 कार्यकर्ता रिहा
इमरान सरकार पहले से कई चुनौतियों से जूझ रही है। प्रतिबंधित कट्टरपंथी पार्टी तहरीके लब्बैक (टीएलपी) ने 10 हजार से ज्यादा लोगों के साथ लाहौर में जीटी रोड पर डेरा डाल रखा है। टीएलपी अपने प्रमुख साद रिजवी की रिहाई व फ्रांस के राजदूत को निष्कासित करने की मांग पर अड़ी है। हालांकि इमरान सरकार ने टीएलपी के आगे झुकते हुए सोमवार को 350 कार्यकर्ताओं को छोड़ दिया। इसके अलावा टीएलपी ने घोषणा की कि बुधवार तक बाकी कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस वापस ले लिए जाएंगे।
पाक में बढ़ी सांप्रदायिक हिंसा
हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान वर्ल्ड जस्टिस प्रोजेक्ट के रूल आफ लॉ सूचकांक-2021 में वह 130 वें स्थान पर है। सूचकांक में 139 देश शामिल हैं।