रूसी गोलाबारी में गुरुवार को यूक्रेन के खेरसॉन शहर में स्थित एक ऐतिहासिक चर्च क्षतिग्रस्त हो गया जिसमें कभी 18वीं शताब्दी के उस प्रसिद्ध कमांडर के आखिरी अवशेष दफनाए गए थे जिसने आधुनिक यूक्रेन के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों पर रूसी नियंत्रण स्थापित किया और क्रीमिया प्रायद्वीप पर कब्जा कर लिया। आपको बता दें कि रूस ने अब आर-पार की लड़ाई का मूड बना लिया है। जानकारों का बोलना है कि बाल्टिक सागर में रूस द्वारा किया गया शक्ति प्रदर्शन इस बात का इशारा करता है। आपको बता दें कि बाल्टिक सागर में रूस ने नौसेना के युद्धपोतों और लड़ाकू विमानों से अपनी ताकत का एहसास दिलाया है। इस शक्ति प्रदर्शन को चेतावनी की तरह देखा जा रहा है।
बाल्टिक सागर रूस का युद्धाभ्यास
गौरतलब है कि रूस इस समय बाल्टिक सागर में कई तरह की मुश्किलों का सामना कर रहा है। इस बीच पुतिन ने बाल्टिक सागर में युद्धाभ्यास प्रारम्भ किया है। ओशन शील्ड 2023 अभ्यास को नाटो राष्ट्रों के लिए चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है। इस युद्धाभ्यास में रूस के 30 से अधिक युद्धपोतों और लड़ाकू विमानों ने हिस्सा लिया। इसके अतिरिक्त 6,000 सैनिक भी इसमें शामिल हैं। इस कार्यक्रम की कमान रूसी नौसेना के कमांडर-इन-चीफ एडमिरल निकोलाई येवमेनोव को दी गई है। इस युद्धाभ्यास की आरंभ 2 अगस्त को हो गई थी।
रक्षा मंत्रालय ने दिया बयान
रूस के रक्षा मंत्रालय ने बोला कि राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए इस क्षेत्र में यह रणनीतिक अभ्यास किया जा रहा है। इसके जरिए रूसी नौसेना समुद्री कम्युनिकेशन को बरकार रखने की प्रयास करेगी। ताकि किसी उल्टा कंडीशन में समुद्री रास्ते में रुकावट न पैदा हो। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि इस अभ्यास में रूसी सेना लाइव हथियारों की टेस्टिंग करेगी। इसमें छोटे वेपन से लेकर मिसाइल तक शामिल हैं। जब ओशन शील्ड 2023 पूरा हो जाएगा तो सारे जहाज वापस अपने स्थाई ठिकानों के लिए रवाना हो जाएंगे।