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कोविड-19 को लेकर शंघाई ने सभी सबवे मार्ग बंद किए, WHO प्रमुख बोले- महामारी को हराने के लिए...

Neha Dani
11 May 2022 2:06 AM GMT
कोविड-19 को लेकर शंघाई ने सभी सबवे मार्ग बंद किए, WHO प्रमुख बोले- महामारी को हराने के लिए...
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वे सामान की डिलीवरी भी नहीं ले सकते हैं। इससे पहले आवासीय क्षेत्र में घूमने की छूट थी।

चीन में कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है। चीन की सख्त 'जीरो-कोविड' रणनीति के तहत ओमिक्रॉन का प्रसार रोकने की कोशिश की जा रही है। शंघाई में कोविड टीमें संक्रमितों के घर पहुंचकर रोगाणुनाशकों का छिड़काव कर रही हैं। इस बीच, शंघाई प्रशासन ने मंगलवार को उन दो सबवे लाइन पर भी सेवाएं निलंबित कर दीं, जो अभी तक संचालन में थीं। 'द पेपर' के मुताबिक, शहर के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब उसकी सभी प्रणालियों को बंद करना पड़ा है।

ताजा उपाय ऐसे समय में किए गए हैं, जब शंघाई प्रशासन ने बीते कुछ हफ्तों में लोगों को सीमित खरीदारी के लिए बाहर निकलने की अनुमति देने के बाद कुछ जिलों के लोगों को एक बार फिर अपने घरों में रहने के आदेश जारी किए हैं।
शंघाई में सोमवार को रोजाना दर्ज होने वाले नए मामलों की संख्या 3,000 के आसपास पहुंच गई, जो मध्य अप्रैल में प्रतिदिन सामने आ रहे औसतन 26,000 मामलों से कहीं कम है। शहर में कोविड-19 से छह और मरीजों की मौत होने से वहां संक्रमण से अब तक होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़कर 553 पर पहुंच गया।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख बोले- जीरो कोविड रणनीति कारगर नहीं
इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेसियस ने मंगलवार को कहा कि चीन की "जीरो कोविड" रणनीति कारगर नहीं है, क्योंकि यह वायरस लगातार विकसित हो रहा है। एक मीडिया ब्रीफिंग में बोलते हुए डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा, "जब हम "जीरो कोविड" रणनीति के बारे में बात करते हैं, तो वायरस के व्यवहार को देखते हुए और भविष्य में हम क्या उम्मीद करते हैं इस पर विचार करने के बाद हमें नहीं लगता कि यह कारगर है।"
टेड्रोस ने कहा कि डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों ने इस नीति के बारे में चीनी विशेषज्ञों से बात की है। कड़े प्रतिबंधों ने लोगों की जान बचाई है, लेकिन उन्होंने भोजन की कमी, श्रमिकों की कमी और आंदोलन को भी जन्म दिया है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा, "हमने इस मुद्दे पर चीनी विशेषज्ञों के साथ चर्चा की है और हमने संकेत दिया है कि यह दृष्टिकोण कारगर नहीं होगा ... मुझे लगता है कि एक बदलाव बहुत महत्वपूर्ण होगा।"
चीन के कठोर उपायों ने शंघाई के ढाई करोड़ (25 मिलियन) लोगों में से अधिकांश को हफ्तों तक घर में बंद कर रखा है क्योंकि चीन महामारी शुरू होने के बाद से देश के सबसे खराब प्रकोप का मुकाबला कर रहा है। कोरोना कहर के कारण लॉकडाउन झेल रहे शंघाई के कई लोगों ने पिछले दिनों भोजन की गंभीर कमी और चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिलने के कारण सोशल मीडिया के जरिए अपना गुस्सा उतारा था। शंघाई में जीरो कोविड नीति के चलते मानवाधिकारों के दमन का वीडियो वायरल कर इसे बेनकाब किया गया है। इससे चीन खफा है।
राजधानी बीजिंग व व्यावसायिक राजधानी शंघाई में सोमवार को प्रतिबंध और कड़े कर दिए गए। घरों में कैद लाखों लोगों को सामान की डिलीवरी लेने से भी रोक दिया गया। इससे जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
शंघाई में डेढ़ माह से लॉकडाउन
कोरोना की रोकथाम में इस बार चीन पिछड़ता प्रतीत हो रहा है। उसकी जीरो कोविड नीति पर भी सवाल उठने लगे हैं। शंघाई में डेढ़ माह से लॉकडाउन लागू है। संक्रमण रोकने के लिए प्रतिबंधों को और कड़ा किया गया है। शंघाई के 16 जिलों में से चार में लोगों को सप्ताह के आखिर में नोटिस दिया गया है कि वे अपने घरों से बाहर नहीं जा सकते। वे सामान की डिलीवरी भी नहीं ले सकते हैं। इससे पहले आवासीय क्षेत्र में घूमने की छूट थी।


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