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कई महिलाओं ने बदला लुक
Shamima Begum Changed Her Look to Return Britain: आतंकी संगठन आईएसआईएस (Islamic State of Iraq and the Levant) में शामिल होने के लिए ब्रिटेन (Britain) से सीरिया (Syria) पहुंचने वाली शमीमा बेगम (Shamima Begum Case) ने अपने लुक में बदलाव कर लिया है. शमीमा ने ब्रिटेन वापस आने के लिए बुर्का छोड़ जींस टॉप पहनना शुरू किया है. आईएसआईएस के आतंकी की पत्नी शमीमा की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं, जिनमें वह काले चश्मे, स्टाइलिश हेयर स्टाइल और कैजुएल कपड़ों में दिख रही है.
उत्तरपूर्वी सीरिया में स्थित आईएस समर्थकों के रोज कैंप में 21 साल की शमीमा को इस नए लुक में देखा गया था. वह पूर्वी लंदन के बेथनल ग्रीन में रहा करती थी और 15 साल की उम्र में इस आतंकी संगठन में शामिल हो गई. अब शमीमा ने काला बुर्का पहनना छोड़ दिया है. शमीमा बेगम अपनी ब्रिटिश नागरिकता (Shamima Begum British Citizenship) रद्द करने के फैसले के खिलाफ लड़ना चाहती है. बीते महीने ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट (British Court) ने राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ये फैसला सुनाया था कि शमीमा ब्रिटेन नहीं लौट सकती है. यहां वह 2019 में रद्द हुई अपनी नागरिकता के खिलाफ अपील करना चाहती है.
कई महिलाओं ने बदला लुक
जानकारी के मुताबिक उसके साथ कैंप में कुछ अन्य महिलाएं भी रह रही हैं. उन्होंने भी हिजाब या बुर्का जैसी इस्लामिक ड्रेस पहनना बंद कर दिया है (Shamima Begum New Look). जब इन कपड़ों में उसकी तस्वीरें ली गईं, तो उसने मीडिया से कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. साल 2015 में एक डच जिहादी से शादी करने के लिए शमीमा दो अन्य स्कूली छात्राओं (Shamima Begum Childhood) के साथ भागकर सीरिया आ गई थी. यहां उसे चार साल बाद कैंप में देखा गया था. वह उस समय गर्भवती और विधवा थी. उसके दो अन्य बच्चों की भी मौत हो चुकी थी. वहीं उसके तीसरे बच्चे की मौत जन्म लेने के तुरंत बाद हो गई.
पहले कहा था पछतावा नहीं है
शमीमा ने पहले कहा था कि आतंकी संगठन से जुड़ने पर उसे कोई पछतावा नहीं है. लेकिन बाद में उसने कहा कि उसने वो सब डर के कारण कहा था. शमीमा की तरह ही ब्रिटेन की अन्य कई महिलाएं भी सीरिया के इस कैंप में फंस गई हैं. इनकी नागरिकता भी रद्द कर दी गई है (Shamima Begum UK Legal Action). कैंप मैनेजर नोरा अब्दो ने डेली टेलीग्राफ से बातचीत में कहा है, 'कैंप में कट्टरता तो है ही साथ ही आईएस की विचारधारा को खारिज करने का चलन भी है. हमने उनके कपड़ों में बदलाव देखा है. वो अपने घर लौटना चाहती हैं. वह अपने अपराधों को भुगतने के लिए भी तैयार हैं. कुछ अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोच रही हैं.'
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