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आधी रात को चमके शाहबाज शरीफ के सितारे, पाकिस्तान में नई सरकार बनेगी, सेना के हैं करीबी

jantaserishta.com
10 April 2022 2:36 AM GMT
आधी रात को चमके शाहबाज शरीफ के सितारे, पाकिस्तान में नई सरकार बनेगी, सेना के हैं करीबी
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Pakistan Political Crisis: पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में शनिवार-रविवार की रात इमरान खान (Imran Khan) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) पर हो रही वोटिंग में इमरान खान की हार हो गई. पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री पद के लिए शाहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) का रास्ता साफ हो गया है. शाहबाज शरीफ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के सांसद हैं और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) के छोटे भाई हैं.

शाहबाज शरीफ 13 अगस्त 2018 से नेशनल असेंबली के सदस्य हैं और विपक्ष के नेता भी हैं. इससे पहले शाहबाज शरीफ तीन बार पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री रह चुके थे. वो सबसे ज्यादा लंबे समय तक पंजाब के मुख्यमंत्री रहने वाले नेता हैं. फिलहाल शरीफ PML-N के अध्यक्ष हैं.
शाहबाज शरीफ का जन्म 23 सितंबर 1951 को लाहौर में हुआ था. उनके पिता मुहम्मद शरीफ एक कारोबारी थे. वो अक्सर कारोबार के सिलसिले में कश्मीर के अनंतनाग आया-जाया करते थे. बाद में उनका परिवार अमृतसर में बस गया.
1947 में जब भारत का बंटवारा हुआ और पाकिस्तान बना तो मुहम्मद शरीफ अपने परिवार के साथ लाहौर में आकर बस गए. शाहबाज शरीफ की मां पुलवामा की रहने वाली थीं. लाहौर की एक सरकारी यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद शाहबाज ने अपना फैमिली बिजनेस संभाल लिया.
शाहबाज के दो बड़े भाई अब्बास शरीफ और नवाज शरीफ हैं. नवाज शरीफ तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके हैं. 1973 में शाहबाज ने अपनी कजिन से शादी कर ली. दोनों के चार बच्चे हैं. 2003 में शाहबाज ने दूसरी शादी की. माना जाता है कि शाहबाज अपने भाई नवाज से ज्यादा अमीर हैं.
शाहबाज शरीफ की राजनीति में एंट्री 80 के दशक में हुई. 1988 में उन्होंने पहला चुनाव जीता. उन्होंने पंजाब प्रांत लाहौर विधानसभा से चुनाव जीता. हालांकि, 1990 में विधानसभा भंग हो गई. 1990 में उन्होंने फिर पंजाब प्रांत से चुनाव जीता. इसी साल उन्होंने नेशनल असेंबली का चुनाव भी जीत लिया. दोनों जीत के बाद उन्होंने नेशनल असेंबली को चुना. 1993 में नेशनल असेंबली भी भंग हो गई और उनकी सदस्यता चली गई. 1993 में उन्होंने फिर लाहौर विधानसभा और नेशनल असेंबली का चुनाव जीत लिया. इस बार उन्होंने नेशनल असेंबली की सीट छोड़ दी.
1997 में उन्होंने फिर से पंजाब प्रांत का चुनाव लड़ा. इस बार उन्होंने PML-N की टिकट पर चुनाव लड़ा. फरवरी 1997 में शाहबाज शरीफ पहली बार पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री बने. 1999 में पाकिस्तान में सेना ने तख्तापलट कर दिया. शाहबाज शरीफ की मुख्यमंत्री की कुर्सी भी चली गई. उन्हें और उनके परिवार को देश छोड़कर दुबई जाना पड़ गया. 2007 में शाहबाज शरीफ और उनका परिवार फिर पाकिस्तान लौट आया. जून 2008 में शाहबाज फिर से पंजाब के मुख्यमंत्री बन गए. 2013 के चुनाव में शाहबाज तीसरी बार पंजाब के मुख्यमंत्री बने.
2018 में पाकिस्तान में आम चुनाव हुए. इस चुनाव में PML-N ने शाहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया. हालांकि, इस चुनाव में इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी की जीत हुई. शाहबाज शरीफ विपक्ष के नेता चुने गए.
सितंबर 2020 में शाहबाज शरीफ को मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार कर लिया गया. उनके ऊपर करोड़ों रुपये की हेराफेरी करने का आरोप था. अप्रैल 2021 में उन्हें लाहौर हाईकोर्ट से जमानत मिली. शाहबाज शरीफ पर अभी भी ये केस चल रहा है.

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