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लेबनान में आर्थिक संकट
बेरूत, रायटर्स: कोविड-19 के कारण विश्व के लगभग सभी देश इस वक्त आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहे हैं। आलम ये है कि कई देशों ने चरमराई अर्थव्यवस्था को फिर से रास्ते पर लाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से मदद की गुहार लगाई है। इसी क्रम में लेबनान के कार्यवाहक प्रधान मंत्री हसन डिआब ने मंगलवार को कहा कि देश सामाजिक विस्फोट से बस कुछ दिन दूर है। उन्होंने देश को गहरे आर्थिक संकट के दौर में बचाने के लिए विश्व संगठनों की आह्वान किया है।
लेबनान की आर्थिक स्थिति बेहाल
विश्व बैंक ने लेबनान के संकट को आधुनिक इतिहास के सबसे बुरे अवसादों में से एक बताया है। देश की मुद्रा अपने मूल्य का 90 फीसदी से ज्यादा गंवा चुकी है और आधी से अधिक आबादी गरीबी की मार झेल रही है। वहीं देश में ईंधन की कमी के कारण लोगों में गुस्सा है, जिसके चलते आए दिन पेट्रोल स्टेशनों पर लड़ाई की खबरें सामने आती रहती हैं। डिआब ने देश में अशांति फैलने की आशंका जाहिर की है।
नई सरकार के गठन पर चिंतन
डिआब ने बेरूत में राजदूतों और राजनयिक मिशनों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक के दौरान कहा कि, लेबनान सामाजिक विस्फोट से कुछ ही दिन दूर है। देश इस संकट के वक्त का अकेले सामना कर रहा है। ऐसे में एक नया कैबिनेट ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ बातचीत फिर से शुरू कर सकता है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि, देश की मौजूदा सरकार को कैबिनेट द्वारा निर्धारित रिकवरी योजना को लागू करने के लिए आईएमएफ के साथ फिर से बातचीत शुरू करने का अधिकार नहीं है।
कार्यवाहक पद पर हैं डिआब
गौरतलब है कि, 4 अगस्त को बेरूत बंदरगाह में हुए विनाशकारी विस्फोट के मद्देनजर इस्तीफा देने के बाद से डिआब एक कार्यवाहक पद पर कार्यरत हैं। तब से ही, देश के भ्रष्ट सांप्रदायिक राजनेता एक नई सरकार को लेकर सहमत नहीं हो पाए हैं। वहीं, पिछले महीने यूरोपीय संघ की विदेश नीति के प्रमुख लेबनान के नेताओं से कहा था कि, वे राजनीतिक और आर्थिक संकट के लिए जिम्मेदार हैं। साथ ही उन्हें कुछ को प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है अगर उन्होंने नई सरकार बनाने और सुधारों को लागू करने के काम में कोई भी रुकावट डाली।
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