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लीक हुए बहुत सारे दस्तावेजों से इस बात की पुष्टि हुई है कि
लीक हुए बहुत सारे दस्तावेजों (पैंडोरा पेपर्स) से इस बात की पुष्टि हुई है कि लेबनान के नेताओं और बैंकरों ने विदेशों में अवैध धन की पनाहगाहों में अपना पैसा रखा और महंगी संपत्तियां खरीदीं. पिछले कई दशक में दुनिया के सबसे भयंकर आर्थिक संकटों में से एक से गुजर रहे लेबनान की गरीब जनता के लिए यह खबर काफी पीड़ादायक है (Pandora Papers List). इन विदेशी खातों में कई उसी सत्तारूढ़ अभिजात्य वर्ग के लोग हैं, जिनपर देश को इस दुर्दशा में पहुंचाने और आम लेबनानियों की जिंदगी पटरी से उतारने का आरोप लग रहा है.
आम लेबनानियों की बचत खत्म हो गई है और अब वे ईंधन, बिजली और दवाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं. लीक हुए दस्तावेजों में सेंट्रल बैंक के लंबे समय तक गर्वनर रहे शख्स, प्रधानमंत्री नजीब मिकाती और उनके पूर्ववर्ती के नाम हैं (Lebanon in Economic Crisis). सेंट्रल बैंक का गर्वनर रहा शख्स वित्तीय संकट पैदा करने वाली विफल नीतियों के केंद्र में है. 'पैंडोरा पेपर्स' नामक इन दस्तावेजों की जांच इंटरनेशनल कर्सोटियम आफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) ने की और उसके पहले निष्कर्ष को रविवार को जारी किया गया.
अमीरों ने टैक्स से बचने की कोशिश की
इनमें 200 से अधिक देशों और क्षेत्रों के अनेक सबसे अमीर और सबसे प्रभावशाली लोग संपत्ति छिपाने और कर अदा करने से बचाने वाले वित्तीय पनाहगाहों का ब्योरा है (Pandora and Panama Papers). लेबनानी पत्रकार आलिया इब्राहीम ने कहा कि ये कागजात दर्शाते हैं कि कैसे राजनीतिक वर्ग सालों से विदेश पैसे भेज रहा था और वह इस आश्वासन के साथ लोगों से लेबनान के बैंकों में पैसा करने की अपील करता था कि वह सुरक्षित है.
भयंकर आर्थिक संकट में फंसा लेबनान
विश्वबैंक के अनुसार लेबनान दुनिया में पिछले 150 सालों के सबसे भयंकर आर्थिक संकटों में एक में फंसा है और 70 फीसदी लोग गरीबी के दलदल में फंस गए हैं, उनकी बचत का सफाया हो गया है (Lebanon Biggest Economic Crisis). उसकी वजह राजनीतिक वर्ग का भ्रष्टाचार एवं कुप्रबंधन है. बता दें पैंडोरा पेपर्स के लीक होने के बाद से दूसरे कई देशों में भी भूचाल आ गया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के कई करीबियों का नाम इसमें शामिल है. उन्होंने भी जांच कराने की बात कही है.
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