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कनाडा और उत्तर-पश्चिम अमेरिका में भयानक गर्मी, सड़कों पर दरारें, बेहाल हुए लोग

Gulabi
30 Jun 2021 11:44 AM GMT
कनाडा और उत्तर-पश्चिम अमेरिका में भयानक गर्मी, सड़कों पर दरारें, बेहाल हुए लोग
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कनाडा और उत्तर-पश्चिम अमेरिका में भयानक गर्मी पड़ रही है

कनाडा और उत्तर-पश्चिम अमेरिका में भयानक गर्मी पड़ रही है. इसकी वजह से सड़कों पर दरारें आ गई हैं. पैन में अंडे फोड़कर बाहर रख दो तो थोड़ी देर में वो ऑमलेट बन जा रहा है. घरों की दीवारें पिघल रही हैं. पारा 45 और 46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. लोग समुद्र के किनारे, झीलों में, घरों में बने अस्थाई पूल पर नहाकर गर्मी से बच रहे हैं. वर्ल्ड मेटरियोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक यह एक 'प्रेशर कूकर' हीटवेव है.




वर्ल्ड मेटरियोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन (WMO) के अनुसार पिछले 48 घंटों में ऊपर बढ़ते पारे ने दो बार गर्मी का रिकॉर्ड तोड़ा है. संस्थान के प्रवक्ता क्लेयर नूलिस ने कहा कि इन दोनों देशों के लोगों को ठंडी में रहने की आदत हो गई है. ऐसी गर्मी में इनकी हालत खराब हो रही है. अनुमान है कि अगले पांच-सात दिनों तक ऐसा ही तापमान बना रहेगा. साथ रातें भी गर्म होंगी. कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया स्थित लिटन में रविवार को तापमान 46.6 डिग्री सेल्सियस था. सोमवार को यह बढ़कर 47.9 डिग्री सेल्सियस हो गया था. जो कि एक नया रिकॉर्ड है. मंगलवार को यह 49.5 डिग्री पहुंच गया.
सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं. मौसम विज्ञानियों के अनुसार पैसिफिक नॉर्थवेस्ट में उच्च दबाव की वजह से तापमान में बढ़ोतरी हुई है. जलवायु परिवर्तन की वजह से इसकी स्थिति और बिगड़ती जा रही है. गैर-सरकारी संस्था बर्कले अर्थ की माने तो इस इलाके के तापमान में पिछली आधी सदी में 1.7 डिग्री सेल्सियस का इजाफा हुआ है. धातुओं से बनने वाली सड़कों और ढांचों के लिए ये बढ़ता हुए तापमान नुकसानदेह है. जिन घरों या इमारतों के बाहर इनकी परत होती है, उनका आकार बिगड़ता जा रहा है.

इस गर्मी की वजह से कनाडा और उत्तरी-पश्चिम अमेरिका में स्कूलों को बंद कर दिया गया है. इसके साथ ही कोरोना जांच केंद्रों को भी बंद कर दिया गया है. क्योंकि गर्मी की वजह से सड़कों पर दरारें आ चुकी हैं. अंडे को बाहर रख दो तो वो ऑमलेट बन जा रहा है. घरों के बाहर लगे धातु के कवर पिघल कर अपना आकार बदल रहे हैं. कई स्थानों पर धातुओं से बने ढांचे पिघले हुए और टेढ़े-मेढ़े देखे गए हैं.
अब जानते हैं कि आखिरकार इसे 'प्रेशर कूकर' हीटवेव (Pressure Cooker Heatwave) क्यों कह रहे हैं. WMO के अनुसार जो तापमान में वृद्धि हुई है, वह आसपास के इलाकों से बाहर निकल नहीं पा रही है. वह इस बड़े इलाके में सीमित हो गई है. जिसकी वजह से यह प्रेशर कूकर जैसा काम कर रहा है. इस वजह से बहुत से लोगों को दिक्कत होने वाली है, क्योंकि यह इलाका आमतौर पर ठंडा रहता है. लोग एसी नहीं लगाते हैं. लेकिन अब उन्हें इसकी व्यवस्था भी करनी होगी.

WMO ने कहा कि इस गर्मी की वजह से लोगों की सेहत, खेती और पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ेगा. WMO की कनाडा की मौसम विज्ञानी आर्मेल कैस्टेलैन ने कहा कि इस हफ्ते यह तापमान और बढ़ सकता है. ज्यादातर तटीय इलाकों में. ब्रिटिश कोलंबिया में तापमान हफ्ते के बीच में कम होने की संभावना है. इसके बाद यह गर्मी अल्बर्टा की ओर बढ़ जाएगी. दो हफ्ते पहले ही अमेरिका के उत्तर-पश्चिम में स्थित रेगिस्तान और कैलफोर्निया में ऐसी ही भयानक गर्मी पड़ी थी.
धरती के उत्तरी गोलार्द्ध यानी उत्तरी अफ्रीका, अरब प्रायद्वीप, पूर्वी यूरोप, इरान और उत्तर-पश्चिम भारतीय महाद्वीप में भी इसी तरह की गर्मी पड़ रही है. रोज का औसत तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है. कुछ स्थानों पर यह 50 डिग्री सेल्सियस तक भी जा रहा है. पश्चिमी रूस और कैस्पियन सागर के आसपास का इलाका भी काफी ज्यादा गर्म हो रहा है.

WMO के मुताबिक रूस की राजधानी मॉस्को और उसके आसपास के इलाके में दिन में तापमान 30 डिग्री सेल्सियस और रात में 20 डिग्री सेल्सियस तक रहने की उम्मीद है. लेकिन कैस्पियन सागर के आसपास यह दिन में अधिकतम 40 और रात में 25 डिग्री सेल्सिय तक जा सकती है. जो कि इस इलाके के हिसाब से ज्यादा गर्म है.
कनाडा के वैंकूवर में गर्मी की वजगह से 130 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. चारों तरफ भयानक लू चल रही है. कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया के लिटन इलाके में मंगलवार को शाम 4 बजकर 20 मिनट पर तापमान 49.5 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था. जिसने तीसरे दिन लगातार ज्यादा तापमान का रिकॉर्ड तोड़ा है. गर्मी की यह हालत अमेरिका ओरेगॉन प्रांत से लेकर कनाडा के आर्कटिक इलाके तक फैला हुई है. इन इलाकों के ऊपर गर्म हवा बह रही है. अमेरिका में पोर्टलैंड, ओरेगॉन और सिएटल की हालत बहुत खराब है. यहां पर 1940 के बाद इतनी गर्मी पड़ी है.
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