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बूढ़े लोगों की जनसंख्या जनसांख्यिकीय तौर पर काफी खतरनाक साबित हो सकती है।
चीन में रहने वाले एक दंपति ने दो बच्चों वाली नीति का उल्लंघन करते हुए सात बच्चे पैदा कर दिए। इसके लिए उन्हें सरकार को भारी भरकम रकम चुकानी पड़ी है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, दंपति को सात बच्चे पैदा करने की वजह से 1 लाख 55 हजार डॉलर्स यानी 1 करोड़ से अधिक की राशि सोशल सपोर्ट फीस के तौर पर देनी पड़ी है।
34 साल की महिला उद्योगपति ज्हांग रोंगरोंग और उनके 39 साल के पति के बच्चों में पांच लड़के और दो लड़कियां हैं। चीन की दो बच्चों वाली नीति का उल्लंघन करने की वजह से इन्होंने सरकार को सोशल सपोर्ट फीस दी है। यदि वे ऐसा नहीं करते उनके बाकी के पांच बच्चों को सरकारी पहचान से जुड़े दस्तावेज नहीं दिए जाते।
ज्हांग का स्किनकेयर, जूलरी और कपड़ों का बिजनेस है और उनकी कंपनियां दक्षिण-पूर्वी चीन में स्थित हैं। उन्होंने कहा कि वे कई बच्चे चाहती थीं क्योंकि उन्हें अकेलेपन से काफी ज्यादा परेशानी होती है और वे कभी अकेले नहीं रहना चाहतीं। ज्हांग ने कहा कि जब मेरे पति अपनी बिजनेस ट्रिप के लिए बाहर होते हैं तो मुझे काफी परेशानी होती थी। मेरे बड़े बच्चे पढ़ाई के लिए दूसरे शहरों में जा चुके हैं। ऐसे में छोटे बच्चे ही मेरे साथ रहते हैं। उन्होंने कहा कि सात बच्चों के बाद अब वे और कोई संतान नहीं करने वाले हैं।
ज्हांग ने आगे कहा कि हमने इन बच्चों की प्लानिंग करने से पहले यह सुनिश्चित किया था कि हम आर्थिक तौर पर संपन्न रहें ताकि उन्हें आर्थिक सुरक्षा दे पाएं। बता दें कि चीन ने 1979 में एक बच्चे की नीति शुरू की थी। 36 साल बाद साल 2015 में उसने इस नीति को खत्म करके दो बच्चों की नीति को लागू कर दिया था।
गौरतलब है कि एक बच्चे की नीति के कारण चीन में जन्म दर घट रही है और साल 2019 में प्रति 1000 लोगों पर जन्मदर मात्र 10 रह गई थी, जो 70 सालों में सबसे कम है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि चीन में घटती जन्मदर और बूढ़े लोगों की जनसंख्या जनसांख्यिकीय तौर पर काफी खतरनाक साबित हो सकती है।
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