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सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी को शोध के लिए देगा 5 अरब से अधिक रुपये

Renuka Sahu
15 Dec 2021 5:22 AM GMT
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी को शोध के लिए देगा 5 अरब से अधिक रुपये
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फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ( Serum Institute of India SII) ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय (Oxford University) को एक शोध परिसर स्थापित करने के लिए 50 मिलियन पाउंड (5 अरब 3 करोड़ 52 लाख रुपये) देने का वादा किया है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने बुधवार को कहा कि कंपनी की सीरम लाइफ साइंसेज यूनिट के जरिए यह निवेश किया गया है. शोध भवन का नाम सीरम के मालिकों, पूनावाला परिवार के नाम पर रखा जाएगा. यह वादा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, एस्ट्राजेनेका और एसआईआई के बीच सहयोग पर आधारित है.

बता दें भारत में कोविशील्ड नाम से प्रचलित कोविड रोधी टीके का मूल ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में ही हुआ है. भारत में सीरम इस वैक्सीन का निर्माण कर रही है. SII ने जेनर के R21/Matrix-M मलेरिया शॉट का बड़े पैमाने पर उत्पादन और विकास करने के लिए जेनर इंस्टीट्यूट के साथ भी करार किया है. टीका अभी ट्रायल स्टेज में है.
SII की स्थापना 1966 में पुणे में साइरस पूनावाला ने की थी. साल 2019 में, साइरस को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा मानद उपाधि से भी सम्मानित किया गया था. फिलहाल अदार पूनावाला इसे चला रहे हैं. वहीं उनकी पत्नी नताशा पूनावाला सीरम लाइफ साइंसेज की प्रमुख हैं. पूनावाला ने सितंबर में ऑक्सफ़ोर्ड बायोमेडिका में 5 अरब रुपये का निवेश किया था ताकि COVID-19 रोधी टीके बनाने वाले प्लांट के विकास में मदद की जा सके.
सीरम इंस्टीट्यूट छह महीने में बच्चों के लिए कोविड-19 का टीका लाएगा :पूनावाला
हाल ही में SII के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला ने कहा था कि अगले छह महीने में बच्चों के लिए कोविड-19 का टीका लाने की योजना है. पूनावाला ने कहा कि 'कोवोवैक्स' टीके का परीक्षण चल रहा है और यह तीन साल और उससे अधिक की आयु के बच्चों को हर तरह से सुरक्षा प्रदान करेगा. फिलहाल कोविशील्ड और कोविड-19 के अन्य टीकों को 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए मंजूरी प्राप्त है.
पूनावाला ने कहा था, 'हमने बच्चों में ज्यादा गंभीर रोग नहीं देखे हैं. सौभाग्य से बच्चों के लिए दहशत नहीं है. हालांकि, हम बच्चों के लिए छह महीने में एक टीका लेकर आएंगे, उम्मीद है कि यह तीन साल और उससे अधिक आयु के बच्चों के लिए होगा. ' उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि भारत में दो कंपनियां हैं जिन्हें लाइसेंस प्राप्त है और उनके टीके जल्द उपलब्ध होंगे.
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