x
उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में यहांं तक कहा था कि पत्रकारों पर हमले में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी तक शामिल है।
पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर का कहना है कि तालिबान और पाकिस्तान की सरकार डबल गेम खेल रहे हैं। उनके मुताबिक अफगान तालिबान पाकिस्तान पर विश्वास नहीं करते हैं। इस लिए वो काफी समय से पाकिस्तान से मिलने वाले समर्थन को भी खारिज करते रहे हैं। वाशिंगटन पोस्ट के लिए लिखे अपने एक लेख में उन्होंने लिखा है कि तालिबान आधिकारिक तौर पर अपनी सरकार की मान्यता चाहता है।
उनके मुताबिक वो ये भी चाहता है कि विदेशों में जब्त की गई उसकी दौलत को रिलीज किया जाए। साथ ही वो विश्व के सामने मानवाधिकारों के उल्लंघन और लड़कियों की पढ़ाई पर कोई बात नहीं करना चाहता है। इसका एकमात्र लब्बोलबाब केवल यही है कि वो पाकिस्तान पर किसी भी तरह से भरोसा नहीं करते हैं। तालिबान ने अब ईरान और भारत के साथ बातचीत शुरू कर दी है। वो अपनी सरकार को मान्यता मिलते देखना चाहता है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर और इमरान खान की सरकार में काफी समय से अलगाव है। पिछले वर्ष ही एक फ्रीलांस जर्नलिस्ट पर हुए हमले को लेकर मीर ने इमरान सरकार की कड़ी आलोचना की थी। इसके बाद उनके चर्चित 'कैपिटल टाक शो' को भी रोक दिया गया है। सरकार के दबाव में जियो न्यूज ने हामिद मीर को छुट्टी पर भेज दिया था। इस मुद्दे पर मीर का साथ अन्य पत्रकारों ने भी दिया था।
बता दें कि मीर समय-समय पर मीर इमरान खान सरकार की कारगुजारियों को खुले रूप से आलोचना करते रहे हैं।मीर ने पिछले ही वर्ष उन्हें और उनके परिवार को धमकियां देने की भी बात कही थी। एक बार उन्होंने ये भी कहा था कि पाकिस्तान की सरकार पत्रकारों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में यहांं तक कहा था कि पत्रकारों पर हमले में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी तक शामिल है।
Next Story