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देखिए किस्मत का खेल, 53 साल बाद पहुंचा खोया हुआ बटुआ उसी शख्स के पास

Triveni
7 Feb 2021 8:59 AM GMT
देखिए किस्मत का खेल, 53 साल बाद पहुंचा खोया हुआ बटुआ उसी शख्स के पास
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सैन डिएगो यूनियन-ट्रिब्यून को पॉल ग्रिशम ने बताया कि जब उन्हें शनिवार को बटुआ लौटाया गया तो वह खुशी के मारे उछल पड़े.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | अमेरिका (America) के रहने वाले एक व्यक्ति का बटुआ (Wallet) अंटार्कटिका (Antarctica) में खो गया था. इस व्यक्ति को लगा कि ये बटुआ (Wallet) अब कभी नहीं मिलने वाला है, लेकिन किस्मत में कुछ और ही लिखा था. ये बटुआ 53 साल बाद एक बार फिर अपने मालिक तक पहुंच गया है. दरअसल, अमेरिका के सैन डिएगो (San Diego) के रहने वाले पॉल ग्रिशम (Paul Grisham) का बटुआ (Wallet) इतने लंबे समय तक गायब था कि वह इसके बारे में भूल गए थे. 53 साल बाद 91 वर्षीय ग्रिशम को ये बटुआ वापस लौटाया गया है. वह 1960 के दशक में अमेरिकी नौसेना (US Navy) के मौसम विज्ञानी (Meteorologist) के रूप में 13 महीने के लिए अंटार्कटिका (Antarctica) गए थे. इसी दौरान उनका बटुआ (Wallet) खो गया था.

सैन डिएगो यूनियन-ट्रिब्यून को ग्रिशम ने बताया कि जब उन्हें शनिवार को बटुआ लौटाया गया तो वह खुशी के मारे उछल पड़े. उन्होंने कहा कि इस बटुए तो मुझ तक पहुंचाने के लिए कई लोगों ने एक-दूसरे तक संपर्क किया, जिसके बाद ये मुझ तक पहुंचा है. इस बटुए में ग्रिशम का नेवी ID कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, एक पॉकेट रेफरेंस कार्ड, जिसमें बताया गया है कि परमाणु, जैविक और रासायनिक हमले के दौरान क्या करना है, एक बीयर राशन पंच कार्ड, टैक्स जमा करने की रसीद और पत्नी को भेजे गए मनी ऑर्डर की रसीद शामिल है.

1967 में एक खास मिशन के लिए भेजा गया अंटार्कटिका
एरिजोना (Arizona) के डगलस (Douglas) में पले-बढ़े ग्रिशम को 1948 में नौसेना में शामिल किया गया था. वह एक मौसम तकनीशियन और फिर एक मौसम भविष्यवक्ता बन गए. 1967 में उन्हें ऑपरेशन डीप फ्रीज (Operation Deep Freeze) के हिस्से के रूप में अंटार्कटिका (Antarctica) भेजा गया, जिसका मकसद वैज्ञानिकों की मदद करना था. उस दौरान उनकी उम्र 30 के आस-पास थी और शादी के बाद उनके दो बच्चे थे. जिस दौरान उन्हें अंटार्कटिका भेजा गया था, वो खुश नहीं थे.

कुछ इस तरह ग्रिशम तक पहुंचा बटुआ
अंटार्कटिका में रहने के दौरान उनका बटुआ खो गया और जल्द ही वह इसके बारे में भूल गए. ये बटुआ 2014 में रॉस द्वीप (Ross Island) पर मैकमुर्डो स्टेशन (McMurdo station) की एक इमारत के विध्वंस के दौरान एक लॉकर के पीछे पाया गया था. लेकिन इसके असली मालिक तक इसे पहुंचाने के लिए दर्जनों ई-मेल्स, फेसबुक मैसेज और लैटर को कई लोगों तक भेजा गया. स्टीफन डेकाटो और उनकी बेटी सारा लिंडबर्ग और इंडियाना स्पिरिट ऑफ '45 नॉन प्रॉफिट फाउंडेशन के ब्रायन मैक्की ने पहले भी नौसेना के एक जवान का ब्रेसलैट उस तक पहुंचाया था. इसलिए उन्हें ये बटुआ देने का काम सौंपा गया. इस तरह ये बटुआ ग्रिशम तक पहुंचा.


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