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वहीं यह कहना भी ठीक नहीं है कि शिखर सम्मेलनों से क्या लाभ है।
नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि मैड्रिड का शिखर सम्मेलन एक जरूरी बदलाव के लिए होगा। महासचिव ने कहा कि रूस द्वारा यूक्रेन पर हुए हमले के जवाब में नाटो 3 लाख सैनिकों को तत्काल जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार करेगा। वहीं, बाल्टिक राज्यों और पांच दूसरे फ्रंटलाइन देशों के सैनिक संगठन को भी ब्रिगेड स्तर तक बढ़ाये जाने की बात हो रही है। गार्जियन ने कहा कि यहां भी सैनिकों की 3000 और 5000 की संख्या को दोगुना, तिगुना किए जाने की बात है।
30 देशों के गठबंधन की बैठक को लेकर इसी सप्ताह मंगलवार से गुरुवार तक कुछ अहम फैसला हो सकता है। महासचिव ने कहा कि शीत युध्द के बाद अब सामूहिक रक्षा के सिलसिले में बहुत बड़ा बदलाव होगा। इस वक्त रैपिड रिएक्शन नाटो की कुल संख्या लगभग 40,000 है। वहीं, अब जो बदलाव होगा वह रूसी सेना के समानानंतर ही एक बड़े बदलाव का सूचक होगा। ऐसे में नाटो की जवाबी कार्रवाईयां और मारक हो जाएंगी।
गार्जियन ने कहा कि नाटो के व्यापक परिवर्तन के तहत वह अपनी युध्द सामग्री और आपूर्ति स्टाक को पूरब की तरफ ले जाएगा जिससे 2023 में होने वाले जरूरी बदलाव को दिशा दी जा सके। महासचिव ने कहा कि स्वीडन और फिनलैंड के नाटो में सम्मिलित होने की अर्जियों पर अभी कुछ भी नहीं कह जा सकता। दरअसल इन दोनो देशों की सदस्यता मामले में तुर्की को कुछ आपत्ति है जो अभी सुलझानी है।
एक संवाददाता सम्मेलन में महासचिव ने कहा कि सदस्यता मामले को सुलझाने के लिए तुर्की राष्ट्रपति एर्दोगन लगे हुए हैं। वे मंगलवार को फिनलैंड के राष्ट्रपति निनिस्टो और स्वीडन के प्रधानमंत्री एंडरसन से मिलने पर सहमत थे, मगर उन्होंने कहा कि नाटो की बैठक से इतर इस मामले के सुलझने की कोई उम्मीद नहीं है। वहीं यह कहना भी ठीक नहीं है कि शिखर सम्मेलनों से क्या लाभ है।
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