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पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की तलाश तेज, गिरफ्तारी कभी भी

Nilmani Pal
22 Aug 2022 1:45 AM GMT
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की तलाश तेज, गिरफ्तारी कभी भी
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पाकिस्तान। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. किसी भी वक्त आतंकवाद निरोधी कानून (ATA) के तहत उनकी गिरफ्तारी हो सकती है. इमरान के खिलाफ एटीए कानून के तहत एफआईआर दर्ज पहले ही हो चुकी है.

इमरान के खिलाफ इस्लामाबाद में रैली के दौरान एक जज और दो शीर्ष अधिकारियों को धमकाने का आरोप है. दरअसल, 20 अगस्त को इमरान खान ने इस्लामाबाद के एफ-9 पार्क में एक जनसभा को संबोधित किया था. इस दौरान उन्होंने कई संस्थानों और लोगों के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिए थे.

इससे पहले पाकिस्तान की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी (PEMRA) ने बड़ा एक्शन लिया था. PEMRA ने सैटेलाइट टीवी चैनल पर उनके लाइव भाषण पर बैन लगा दिया था. इसके साथ ही उनके रिकॉर्ड किए गए भाषण और बयान को भी चेक करके चलाने का आदेश दिया था, कि उसमें कोई आपत्तिजनक कंटेंट न हो. PEMRA के द्वारा जारी किए आदेश में लिखा था, 'देखा गया है कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान अपने बयान और भाषणों में लगातार नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. उनके ऐसे भाषण देश में शांति के लिए खतरा हैं.' आदेश की कॉपी में फारसी में इमरान खान के एक भाषण का हिस्सा लिखा है, जिसमें अभद्र भाषा का प्रयोग बताया गया है. ये पाकिस्तान में धारा 19 का उल्लंघन माना गया है.

इस मामले को आधार मानते हुए पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी (PEMRA) ऑर्डिनेंश, 2002 के सेक्शन 27(a) के तहत इमरान खान की सैटेलाइट टीवी चैनल पर लाइव स्पीच के लिए तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी. इसके साथ ही फैसला लिया गया था कि रिकॉर्ड किए गए बयान और भाषण भी PEMRA के नियमों के तहत चेक करके ही चलाया जाएगा.

जब भारत ने पेट्रोल और डीजल के दामों में कटौती की तब इमरान खान ने इसे भारत की स्वतंत्र नीति बताते हुए तारीफ की थी. खान ने अपने ट्वीट में एक दक्षिण एशिया सूचकांक रिपोर्ट को टैग किया, जिसमें कहा गया था कि रूस से रियायती तेल खरीदने के बाद भारत सरकार ने पेट्रोल की कीमत 9.5 रुपये प्रति लीटर कम कर दी है, डीजल की कीमत में भी 7 रुपये प्रति लीटर की कमी की गई है. इमरान की नजरों में ये इसलिए संभव हो पाया क्योंकि भारत की एक स्वतंत्र विदेश नीति है. वो अमेरिका के दवाब में नहीं आया, उसने रूस से सस्ते में तेल खरीदा और फिर अपने नागरिकों को राहत दी.


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