विश्व

रूस में वाइट सी के बर्फीले पानी से अचानक से निकलने लगी रहस्‍यमय नीली चमक, देखकर विज्ञानी भी रह गए हैरान

Neha Dani
22 Dec 2021 10:15 AM GMT
रूस में वाइट सी के बर्फीले पानी से अचानक से निकलने लगी रहस्‍यमय नीली चमक, देखकर विज्ञानी भी रह गए हैरान
x
हल्‍की रोशनी पैदा करता है। यह देखने में अद्भुत लगता है। ये छोटे से जीव बहुत कम तापमान में भी जिंदा रह सकते हैं।

रूस में वाइट सी के बर्फीले पानी से अचानक से रहस्‍यमय नीली चमक निकलने लगी। समुद्र की बर्फ में क्रिसमस की तरह से रंगीन लाइट देखकर रूसी जीव विज्ञानी हैरान रह गए। ये वैज्ञानिक आर्कटिक के तट पर काम कर रहे थे। उन्‍होंने वाइट सी से आ रही नीली चमक को अपने कैमरे में कैद किया। बताया जा रहा है कि आकार में बेहद छोटे से इस जीव कॉपिपोड की वजह से यह लाइट (Bioluminescent) आ रही थी।

आर्कटिक इलाके में 80 साल बाद ऐसा हुआ है जब ये नीली लाइट देखी गई है। इस दूरस्‍थ शोध केंद्र पर तैनात माइक्रोबॉयोलॉजिस्‍ट वेरा इमेलीआनेंको ने कुछ बर्फ को इकट्ठा किया। इसके बाद इस बर्फ को एक माइक्रोस्‍कोप से देखा गया और पाया गया कि यह चमक छोटे से bioluminescent पशु से आ रही है जिसे कॉपिपोड के नाम से जाना जाता है। ये समुद्री कीड़े होते हैं और दिन के समय में समुद्र में 300 फुट नीचे पाए जाते हैं
जिंदा जीव से निकलती है रोशनी
जैसे ही रात होती है, ये कीड़े समुद्र में काफी ऊपर तक आ जाते हैं। रूसी अकादमी ऑफ साइंस से जुड़ी कसेनिआ कोसोबोकोवा ने कहा कि कॉपिपोड जीव संभवत: वाइट सी में शक्तिशाली लहरों की चपेट में आ गए थे और बहकर तट पर आ गए। गत 1 दिसंबर को समुद्र की लहरें बहुत तेज थीं और इसी समय पहली बार इस नीली लाइट को देखा गया था। इसके बाद 16 दिसंबर को भी तेज लहरें आई थीं।
इससे संकेत मिलता है कि तेज लहरों ने कॉपिपोड को बाध्‍य किया कि वे तट पर आएं। Bioluminescence एक प्राकृतिक अवधारणा है जिसमें एक जिंदा जीव से रोशनी निकलती है। यह रोशनी केमिकल रिएक्‍शन की वजह से निकलती है। इस जीव में एक कण पाया जाता है जिसे luciferin कहा जाता है। लूसीफेरिन ऑक्‍सीजन के साथ प्रतिक्रिया करता है और हल्‍की रोशनी पैदा करता है। यह देखने में अद्भुत लगता है। ये छोटे से जीव बहुत कम तापमान में भी जिंदा रह सकते हैं।


Next Story