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वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी
NASA Artemis Mission 2024: नासा का चंद्रमा मिशन (Moon Mission) अधर में लटक सकता है. जिसके पीछे का कारण यहां के मौसम में खराबी बताई जा रही है. इस मिशन के तहत वह पहली महिला और एक पुरुष अंतरिक्षयात्री को साल 2024 में चंद्रमा पर भेजेगा. इंग्लैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग के वैज्ञानिकों ने बीते 150 साल के अंतरिक्ष के डाटा का अध्ययन किया है. जिससे इन्हें समय के उस पैटर्न के बारे में पता चला है, जिससे अंतरिक्ष के मौसम की जानकारी मिलती है. वैज्ञानिकों की टीम ने चेतावनी देते हुए कहा है कि मानव को चंद्रमा पर पहुंचाने के मिशन को जल्द पूरा कर लेना चाहिए ताकि वहां होने वाली खतरनाक घटनाओं से बचा जा सके.
इस तरह की घटनाओं में वहां आने वाले तूफान और तेज खरनाक हवाएं अंतरिक्षयात्रियों और सैटेलाइट्स के लिए घातक हो सकती हैं. इसके अलावा अगर ये धरती पर लौटते हैं तो भी पावर ग्रिड फेल होने का डर बना रहेगा. रिसर्चर्स ने हर 11 साल के सौर चक्र (Solar Cycle) पर नजर रखी है, जिससे उन्हें इस तरह की घटनाओं के समय को लेकर जानकारी मिली. इस डाटा से वैज्ञानिकों को पता चला है कि कब सूर्य की गतिविधि कम होती है और कब अधिक होती है. बेशक ये धरती से काफी दूरी पर है, लेकिन सूर्य की सतह पर होने वाली गतिविधि से रेडिएक्टिव पार्टिकल्स निकलते हैं, जो सोलर सिस्टम को प्रभावित करते हैं.
नासा को दी गई सलाह
इनसे धरती पर तो मैग्नेटिक फील्ड बचाव कर लेती हैं लेकिन चंद्रमा पर ऐसे बचाव का कोई तरीका नहीं है. वैज्ञानिकों के अध्ययन को जरनल सोलर फिजिक्स में गुरुवार को प्रकाशित किया गया है, जिसमें नासा के मिशन को लेकर सलाह दी गई है (NASA Announces Ambitious Artemis Mission). यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग के एस्ट्रोफिजिस्ट मैथ्यू ओवेन्स ने बताया, 'अभी तक अंतरिक्ष के मौसम में कभी भी बदलाव आ जाता है इसलिए उससे संबंधित योजना बनाने के लिए ज्यादा कुछ नहीं किया जा सकता.' वैज्ञानिकों ने सौर चक्र के सम और विषम संख्या का अध्ययन किया है. फिलहाल हमने विषम संख्या सौर चक्र 25 में प्रवेश किया है.
2025 में तेज होगी गतिविधि
सौर चक्र 25 की शुरुआत दिसंबर 2019 में हुई थी और यह 2030 तक चलेगा. ऐसे में सू्र्य की गतिविधि 2025 में तेज हो जाएगी. इससे धरती के लिए भी मुसीबत बढ़ सकती है (What is NASA's Artemis Mission ). अगर ऐसा हुआ तो पावर ग्रिड के साथ ही सैटेलाइट को नुकसान पहुंचेगा, साथ ही पृथ्वी की कक्षा में इंसानी और रोबोटिक मशीनें प्रभावित होंगी. सौर चक्र के 2025 में चरम पर होने के कारण नासा के मिशन को नुकसान पहुंचना स्वभाविक है. फिलहाल नासा का ही पार्कर सोलर प्रोब सूर्य का अध्ययन कर रहा है. इसके अलावा यूरोप की अंतरिक्ष एजेंसी का सोलर ऑर्बिटर भी सूर्य के आसपास चक्कर लगा रहा है.
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