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वैज्ञानिकों ने बताया- सबसे दुर्लभ समुद्री मॉन्स्टर 'द क्राकेन' कैसे हुआ था कैमरे में कैप्चर

Gulabi
1 May 2021 5:03 PM GMT
वैज्ञानिकों ने बताया- सबसे दुर्लभ समुद्री मॉन्स्टर द क्राकेन कैसे हुआ था कैमरे में कैप्चर
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एक ऐसा समुद्री जीव है जिसकी कहानियां हजारों सालों से लोगों को डरा रही हैं

एक ऐसा समुद्री जीव है जिसकी कहानियां हजारों सालों से लोगों को डरा रही हैं. लोककथाओं में इस जीव को 'द क्राकेन' (The Kraken) कहा जाता था. कहते थे कि इसका शरीर किसी द्वीप के बराबर होता है. वैज्ञानिक तौर पर ऐसा नहीं है, लेकिन वाकई यह समुद्र का एक बड़ा जीव है. इसकी तस्वीर और वीडियो फुटेज की तलाश कई सौ सालों से की जा रही थी. इस जीव का नाम है जायंट स्क्विड (Giant Squid). ये 46 फीट यानी 14 मीटर तक लंबा हो सकता है. यानी एक बड़े ट्रक के आकार का. इतने बड़े आकार का होने के बावजूद इस जीव को सिर्फ दो बार देखा गया है.

इस जीव को पहली बार साल 2012 में जापान के दक्षिण में समुद्र के अंदर 2000 फीट की गहराई में देखा गया था. उसके बाद साल 2019 में मेक्सिको की खाड़ी में. हाल ही में वैज्ञानिक जर्नल डीप सी रिसर्च पार्ट-1: ओशनोग्राफिक रिसर्च पेपर्स में साल 2019 में इस जीव के वीडियो फुटेज की कहानी प्रकाशित की गई है. साथ ही इस 'द क्राकेन' (The Kraken) के व्यवहार आदि के बारे में स्टडी है.
'द क्राकेन' (The Kraken) स्कि्वड की एक खास आदत होती है कि ये ज्यादा रोशनी में नहीं आता. ये समुद्र की हजारों फीट गहराई में अंधेरे में रहता है. इसलिए इसे देखने के लिए प्रकृति ने बॉस्केटबॉल के आकार की आंखें दी हैं. साथ ही तेजी से गोता लगाने और शिकार करने के लिए ऑक्टोपस की तरह आठ सूंड़ दिए हैं.
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ये समुद्र में ऐसी जगह रहता है जहां पर सूरज की रोशनी बहुत कम पहुंचती है. इसी वजह से जंतुओं की दुनिया में इकलौता ऐसा जीव है जिसकी आंखें इतनी बड़ी होती हैं. इतनी बड़ी आंखों से अंधेरे में शिकार भी खोज लेता है. लेकिन ये ज्यादा रोशनी में नहीं आता. रोशनी देखते ही वापस अंधेरे की तरफ भागता है. यह रोशनी से शर्माता है. वैज्ञानिकों ने इसकी तस्वीर लेने के लिए मेक्सिको की खाड़ी में कैमरे के साथ जेली फिश का चारा लगाया था.
'द क्राकेन' (The Kraken) स्क्विड जेली फिश वाले चारे की तरफ आया. पहले उसके चारों तरफ घूमकर निगरानी की. ये जानने की कोशिश की कि कहीं उसे खतरा तो नहीं. उसके बाद अपने सूंड़ से जेली फिश के चारों तरफ सूंघने की कोशिश की. उसके बाद उसे लपेटने की कोशिश की. लेकिन कैमरे की लाइट देखकर यह चौधिंया गया. फिर इसने आपने आठों पैर तेजी से फैलाए जैसे कोई फूल खिला हुआ हो. उसके बाद यह रफ्तार में गायब हो गया.
'द क्राकेन' (The Kraken) स्क्विड की आंखों में मोनोक्रोमैटिक विजुअल सिस्टम होता है. इनकी आंखों को नीली रोशनी अच्छी लगती है. चाहे वह प्राकृतिक हो या फिर किसी जीव के शरीर से निकलने वाली नीली बायोल्यूमिनिसेंस रोशनी. ये थोड़ी देर के लिए लाल रंग की रोशनी को भी देख लेते हैं लेकिन ज्यादा देर तक नहीं. सफेद या पीली रोशनी इनकी आंखों में चुभती है इसलिए ये तेजी से इस रोशनी से भागते हैं.
जो जेली फिश स्क्विड को बुलाने के लिए लगाई गई थी वो नकली थी. वो एक इलेक्ट्रॉनिक जेली थी. जिसके चारों तरफ गोल घेरे में नीले रंग की नियोन रोशनी जल-बुझ रही थी. इसे देखकर 'द क्राकेन' (The Kraken) स्क्विड आया लेकिन जैसे ही इसे एहसास हुआ कि ये जेलीफिश नकली है, और उसने कैमरे की लाल रोशनी देखी तो वह तेजी से गहरे अंधेरे समुद्र में भाग गया.
जेलीफिश के पास आने, घूमने और उसपर हमला करने के दौरान बने वीडियो से वैज्ञानिकों को अंदाजा हुआ कि 'द क्राकेन' (The Kraken) जायंट स्क्विड करीब 6 फीट लंबा था. इसके बाद साइंटिस्ट ने जाना कि 'द क्राकेन' (The Kraken) स्क्विड को कैसे बुलाया जाए. इसके लिए कम रोशनी वाले यंत्र और बायो-ल्यूमिनिसेंट चारा सिस्टम लगाना पड़ेगा. अभी इसके व्यवहार को लेकर सिर्फ इतना ही अध्ययन हो पाया. आगे के अध्ययन के लिए साइंटिस्ट्स जल्द ही अगले चारे की व्यवस्था करने में जुटे हैं.
'द क्राकेन' (The Kraken) स्क्विड की कहानियां नॉर्वे, ग्रीनलैंड और उत्तरी यूरोपीय देशों की लोक कथाओं में मिलती हैं. इन्हें समुद्री दैत्य भी कहा जाता है क्योंकि इनका आकार 40 से 50 फीट तक हो सकता है. इस जीव को लेकर दुनियाभर में कई किताबें, कहानियां, नॉवेल, फिल्में तक बनी हैं. साल 2006 में आई हॉलीवुड फिल्म पाइरेट्स ऑफ कैरिबियनः डेड मैन चेस्ट में डेवी जोन्स का किरदार इसी जीव से प्रेरित है.
'द क्राकेन' (The Kraken) स्क्विड को आमतौर पर स्पर्म व्हेल्स से खतरा होता है. लेकिन कई बार इन्हें पायलट व्हेल्स भी खाती हैं. जायंट स्क्विड आमतौर पर गहरे समुद्र में रहने वाली अपने से छोटे आकार की मछलियों को खाता है. कई बार अपनी प्रजाति के स्क्विड्स को भी खा लेता है
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