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साइंटिफिक और ऐतिहासिक सबूत नहीं हैं लेकिन फिर भी इस थ्योरी को मानने वालों की संख्या अधिक है.
अधिकतर लोग इस सिद्धांत पर विश्वास करते हैं कि इंसान (Human) की उत्पति लाखों-करोड़ों साल में क्रमागत विकास (Evolution) के कारण हुई है. वहीं जीवाश्म (Fossils) संकेत देते हैं कि होमो सेपियंस धरती पर 2 लाख से 3 लाख साल के बीच कहीं भी रहे हों, लेकिन गुफा चित्र 30 हजार साल पहले बने और लेखन 5,500 साल पहले शुरू हुआ था. इस बीच वैज्ञानिकों ने नया दावा किया है कि इंसान की उत्पत्ति मंगल (Mars) ग्रह पर हुई थी और मुमकिन है कि एलियन (Alien) वहां से इंसान को पृथ्वी (Earth) पर लाए.
इतिहास का 95 फीसदी हिस्सा रिकॉर्ड में नहीं
डेली स्टार में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, हमारे इतिहास का 95 फीसदी हिस्सा रिकॉर्ड नहीं किया गया, जिससे इंसान की उत्पत्ति रहस्य में डूबी है. निश्चित रूप से, एक व्याख्या यह है कि हमारा दिमाग किसी भी प्रकार के गैर-मौखिक संचार तंत्र को समझने के लिए पर्याप्त रूप से विकसित नहीं था.
एक्स्ट्रा-टेरेस्ट्रियल लोगों से था संपर्क!
वहीं, एक अन्य सिद्धांत यह है कि पूर्व-ऐतिहासिक होमो सेपियंस (Pre-Historic Homo Sapiens) वास्तव में बहुत अधिक उन्नत थे, क्योंकि कुछ गुफा चित्रों से यह भी पता चलता है कि हमारे पूर्वजों का एक्स्ट्रा-टेरेस्ट्रियल (Extra-Terrestrials) लोगों के साथ नियमित रूप से संपर्क था.
वैज्ञानिकों ने किया ये दावा
वैज्ञानिकों ने ये दावा किया है कि पहले मंगल ग्रह पर महासागर और नदियां थीं. हो सकता है कि वहां जीवन संभव हो और इंसान की उत्पत्ति वहीं हुई हो. पृथ्वी पर इंसान को लेखन की कला विकसित करने में लाखों साल लगे. ऐसे में बिना एलियन टेक्नोलॉजी के मंगल ग्रह से पृथ्वी पर आना संभव नहीं था.
गौरतलब है कि वैज्ञानिकों के पास इस दावे को साबित करने के लिए ज्यादा साइंटिफिक और ऐतिहासिक सबूत नहीं हैं लेकिन फिर भी इस थ्योरी को मानने वालों की संख्या अधिक है.
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