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'सितारे ब्लैक होल के करीब इतनी आसानी से नहीं बनते।'
परागुए: चेक रिपब्लिक के कोलोन यूनिवर्सिटी के सबसे तेज चलने वाले ज्ञात तारे की खोज की है। ये रिकॉर्ड स्पीड के साथ ब्लैक होल के चारो तरफ यात्रा करता है। इस तारे का नाम S4716 है जो हमारी आकाश गंगा के केंद्र में मौजूद ब्लैक होल सैगिटेरियस-ए की परिक्रमा कर रहा है। इस तारे की स्पीड 8 हजार किमी प्रति सेकंड है। S4716 तारा ब्लैक होल से 100 बार पृथ्वी से सूर्य पर आने जाने की यात्रा के बरारबर है। हालांकि सुनने में ये बहुत बड़ी दूरी है, लेकिन खगोलीय मानकों में ये थोड़ी दूरी मानी जाती है।
ये स्टडी द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित हुई है। हमारी आकाश गंगा के केंद्र में ब्लैक होल के पास तारे से भरी एक घनी आबादी है। इस क्लस्टर को क्लस्टर-S कहा जाता है। यहां 100 से भी ज्यादा सितारे हैं, जिनका आकार और चमक अलग-अलग है। इस क्लस्टर के सितारे तेजी से चलते हैं। इस स्टडी के मुख्य लेखक डॉ फ्लोरियन पिएसकर ने कहा कि इस क्लस्टर के कारण हम अपनी आकाश गंगा के केंद्र में कई बार नहीं देख पाते।
चार साल में लगा लेता है ब्लैक होल का चक्कर
हालांकि कुछ क्षण बाद गैलेक्सी का केंद्र दिखाई देता है। लगभग 20 वर्ष तक इसका अवलोकन किया गया। विश्लेषण के बाद वैज्ञानिकों ने इसे ब्लैक होल के चारों ओर धूमने वाले एक तारे के रूप में पहचाना है। ये इतना तेज है कि हमारी गैलेक्सी के केंद्र में स्थित ब्लैक होल का ये चार साल में चक्कर लगा देता है। कुल पांच टेलीस्कोप के जरिए इस सितारे को देखा गया। इनमें से चार को एक बड़े टेलीस्कोप के साथ जोड़ा गया।
शोधकर्ता हुए हैरान
इस स्टडी में शामिल प्रोफेसर माइकल ज़ॉजेसेक ने कहा, 'इसके अलावा इस खोज से आकाश गंगा के केंद्र में तेजी से चलने वाले सितारों की कक्षा की उत्पत्ति और विकास पर नई रोशनी पड़ती है। S4716 की छोटी अवधि की कॉम्पैक्ट कक्षा शोधकर्ताओं के लिए हैरान करने वाली है।' उन्होंने आगे कहा, 'सितारे ब्लैक होल के करीब इतनी आसानी से नहीं बनते।'
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