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वैज्ञानिकों ने खोजी खास तरह की UDG, मूल गैलेक्सी से होती हैं अलग, जानें इसके बारे में और भी जानकारी

Gulabi
14 Sep 2021 6:33 AM GMT
वैज्ञानिकों ने खोजी खास तरह की UDG, मूल गैलेक्सी से होती हैं अलग, जानें इसके बारे में और भी जानकारी
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बहुत कम लोग जानते हैं कि अति विसरित गैलेक्सी क्या है

बहुत कम लोग जानते हैं कि अति विसरित गैलेक्सी (Ultra Diffuse Galaxy) क्या है. इसकी एक वजह शायद यही है कि यह गैलेक्सी (Galaxies) के समान्य वर्गीकरण में नहीं मिलती है. दूसरी और अहम वजह यह भी है कि यह खुद खगोलविदों के लिए किसी रहस्य से कम नहीं रही. इनका आकार बड़ा भी हो सकता है और छोटा भी. और सबसे बड़ी बात यह है कि ये पकड़ में नहीं आती क्योंकि ये बहुत ही धुंधली होती है. हाल ही में प्रकाशित शोध ने यूडीजी से संबंधित कई सवालों के हल तलाशे हैं जो अब तक मिल सके थे. इसमें खास तौर पर बुझी अतिविसरित गैलेक्सी (Quenched UDC) शामिल हैं जिनमें तारे नहीं बना करते हैं.

वैज्ञानिकों ने खोजी खास तरह की UDG
हर गैलेक्सी अपने एक पूरे जीवन चक्र में चलती है, उसमें तारों के निर्माण की लंबी प्रक्रिया उसे बहुत लंबी उम्र दे देती है. शोधकर्ताओं ने कई कम्प्यूटर सिम्यूलेशन्स के जरिए इस बुझी अति विसरित गैलेक्सी की पहचान करने के साथ इस तरह की कई नई गैलेक्सी भी खोजी हैं. अभी तक यह साफ तौर पर पतानहीं चला है कि अति विसरित गैलेक्सी कैसे बनती हैं या क्या उनके निर्माण में किसी तरह से डार्कल मैटर होलो मदद करते हैं.
मूल गैलेक्सी से अलग होती हैं UDG
बुझी UDC के अवलोकन और मॉडलिंग से खुलासा हुआ है कि ये बैक्स्प्लैश ऑर्बिट (Backsplash Orbit) में पैदा होती हैं. यह कक्षा मूल गैलेक्सी के किनारों से बहुत आगे रहती है, लेकिन फिर नाजुक तौर से जुड़ी भी रहती है. यानि ये अलग होने से पहले किसी बड़े सिस्टम का हिस्सा रहे थे इसी वजह से उनकी कई विशेषताएं वे मूल तंत्र से मिलती जुलती हैं.
पता लगी यह नई बात
रिवरसाइड की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की खगोलविद लॉरा सेल्स ने बताया कि अब तक गैलेक्सी निर्माण की अवधारणों में माना जाता था कि तारा समूहों या सामूहिक वातावरण में से गैस के हटने और तारों के निर्माण के रुकने के लिए बुझे बौनों (Quenched Dwarf) का होना जरूरी है, लेकिन बुझे UDG तो अलग ही देखे गए हैं. शोधकर्ता इन विसरित गैलेक्सी का क्षेत्र जानने में सफल रहे और उन्होंने उनके विकास की प्रक्रिया को जानने का प्रयास किया और उनकी मूल बैकस्प्लैश कक्षा का पता लगा लिया.
खास सिम्यूलेशन का उपयोग
शोधकर्ताओं ने TNG50 सिम्यूलेशन का उपोयग किया और वे UDG तंत्र के बारे में सफलता पूर्व अनुमान लगाने में सफल रहे जो उन्हीं UDG तंत्र की तरह थे जिनका अवलोकन किया गया था. ये एक तरह से टाइम मशीन की तरह काम कर सकते हैं जिससे उन गैलेक्सी का पता चलता है जहां ये अरबों साल पहले बनी थीं. TNG50 ने बताया कि अतिविसरित UDG जनसंख्या में बुझी UDG का प्रतिशत करीब 25 प्रतिशत तक हो सकता है, जो अवलोकनों की तुलना में कहीं ज्यादा है. इसका मतलब यह है कि ब्रह्माण्ड में ऐसी बहुत सी गैलेक्सी होंगी जिनका खोजा जाना बाकी है.
बहुत ही विरल होती हैं ये गैलेक्सी
इससे पहले ही UDG के अस्तित्व की व्याख्या करने के लिए कई प्रणाली और कारकों की प्रस्तुत किया गया, लेकिन वे सभी गैलेक्सी की व्याख्या नहीं कर सकीं. गैलेक्सी में तारों की संख्या के लिहाज से UDG बौनी गैलेक्सी की तरह होती है. मिल्की वे की 200-400 अरब तारों में केवल कुछ तारे होने के बाद भी उनका आकार मिल्की वे की तरह होता है.
और डार्क मैटर
डार्क मैटर हालो की भी UDG में भूमिका हो सकती है. UDG में डार्क मैटर की मात्रा गार्डन प्रकार की बौनी गैलेक्सी की तरह ही हो सकती है, लेकिन UDG किसी बिंदु पर डार्क मैटर सिकुड़ जाती होगी, और बड़े क्षेत्र में फैल जाती होगी. जो संभवतः मूल गैलेक्सी के साथ अंतरक्रिया की वजह से होता होगा. डार्क मैटर के बारे में और स्पष्ट जानकारी इस बारे में और खुलासा कर सकती है.
अब शोधकर्ताओं की उम्मीद उन्नत टेलीस्कोप हैं, वे हवाई के केक टेलीस्कोप का उपयोग कर वर्गो तासा तारामंडल का अवलोकन करने का इरादा बना चुके हैं. ज्यादा शक्तिशाली टेलीस्कोप भी UDG के बारे में ज्यादा जानकारी देंगे. नेचर एस्ट्रोनॉमी में प्रकाशित इस अध्ययन के शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि उनका शोध कम चमकीले ब्रह्माण के अवलोकन के बारे में खगोलविदों को नई रणनीतियां बनाने के लिए प्रेरित करेगा.
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