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वैज्ञानिकों ने दी बृहस्पति के बढ़ते आकार को लेकर नई थ्योरी, पृथ्वी जैसे 30 ग्रहों को निगल कर बना सौरमंडल...

Neha Dani
27 Jun 2022 7:57 AM GMT
वैज्ञानिकों ने दी बृहस्पति के बढ़ते आकार को लेकर नई थ्योरी, पृथ्वी जैसे 30 ग्रहों को निगल कर बना सौरमंडल...
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यूरेनस और नेपच्यून जैसे गैसीय ग्रह भी ऐसे बने हों।

वाशिंगटन: हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति है। वैज्ञानिकों को ये अपने आकार के कारण हमेशा आकर्षित करता रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह होने के साथ ही ये एक गैसीय ग्रह है। इसका मतलब ये हुआ कि बृहस्पति ग्रह गैस से बना है। बृहस्पति हाइड्रोजन और हीलियम से मिलकर बना है। हालांकि इसके बनने में भी सख्त धातु का इस्तेमाल हुआ है। बृहस्पति का आकार इतना बड़ा कैसे हुआ इसे लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।

वैज्ञानिकों की एक टीम ने नासा के जूनो (Juno) स्पेस क्राफ्ट के गुरुत्वाकर्षण डेटा का इस्तेमाल कर बृहस्पति ग्रह के बनने में शामिल तत्वों का पता लगाया है। इससे पता चला है कि बृहस्पति का केंद्र सख्त है। इसका आकार पृथ्वी के आकार के 11-30 गुना तक है। वैज्ञानिकों का मानना है कि बृहस्पति ग्रह अपना आकार बढ़ाने के लिए कई छोटे ग्रहों को निगल गया। कई गैसों ने इकट्ठा होता एक ग्रह का निर्माण किया। बाद में इसने चट्टानों को इकट्ठा करना शुरू कर दिया।
पृथ्वी के बराबर ग्रह का निर्माण करने वाली चट्टानों को निगला
एक गैसीय ग्रह ने चट्टानों को कैसे इकट्ठा किया इसे लेकर पहले भी कई सिद्धांत दिए गए हैं, जिनमें से एक है कि बृहस्पति ने अरबों छोटी-छोटी अंतरिक्ष चट्टानों को इकट्ठा किया। वहीं नए अध्ययन ने दूसरी थ्योरी दी है, जिससे पता चला है कि बृहस्पति ने कई किलोमीटर-लंबी अंतरिक्ष चट्टानों को पकड़ लिया। ये चट्टाने इतनी बड़ी थीं कि पृथ्वी के आकार के ग्रहों का निर्माण कर सकते थे। नीदरलैंड में लीडेन विश्वविद्यालय की शोधकर्ता यामिला मिगुएली ने कहा कि बृहस्पति हमारे सोलर सिस्टम में बनने वाले शुरुआती ग्रहों में से एक था।
अन्य गैसीय ग्रह भी ऐसे ही बने?
मिगुएली ने कहा, 'गैस से बना ग्रह रहस्यमय है। हम सीधे देख कर नहीं बता सकते कि इसके अंदर क्या है। हम सीधे देख कर नहीं जान सकते कि आखिर बृहस्पति कैसे बना। लेकिन हमारे पास आज जो जानकारी है उन्हें जोड़ कर हम एक थ्योरी दे सकते हैं।' बृहस्पति के आकार को लेकर हुई ये खोज वैज्ञानिकों को शनि, यूरेनस, नेपच्यून के बनने को लेकर थ्योरी की एक बार फिर जांच का कारण बन सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर छोटे ग्रहों को निगल का बृहस्पति बना तो संभव है कि शनि, यूरेनस और नेपच्यून जैसे गैसीय ग्रह भी ऐसे बने हों।

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