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दुनिया के सबसे सूखे रेगिस्तान में वैज्ञानिकों को मिले पौधे खाने वाले विशाल डायनासोर के अवशेष

Gulabi
22 April 2021 5:01 PM GMT
दुनिया के सबसे सूखे रेगिस्तान में वैज्ञानिकों को मिले पौधे खाने वाले विशाल डायनासोर के अवशेष
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वैज्ञानिकों ने दुनिया के सबसे सूख रेगिस्तान में डायनासोर की नई प्रजाति के जीवाश्म खोजे हैं

वैज्ञानिकों ने चिली (Chile) में दुनिया के सबसे सूख रेगिस्तान में डायनासोर (Dinosaur) की नई प्रजाति के जीवाश्म (Fossils) खोजे हैं. लाखों साल पहले हरियाली के इलाके में रहने वाला यह विशाल डायनासोर पौधे खाया करता था. डायनासोर के ये अवशेष चिली के उत्तरी इलाके में आटाकामा रेगिस्तान में पाए गए हैं.

टाइटनोसोर परिवार की प्रजाति
चीली के जीवाश्मविज्ञानियों ने इस नई प्रजाति की खोज की इसी सप्ताह घोषणा की है. यह विशाल डायनासोर की प्रजाति आर्कार लिकानैनटे (Arackar licanantay) बताई गई है. यह टाइटनोसोर परिवार का डायनासोर है लेकिन इसकी खास बात इसकी अनोखी रीढ़ की हड्डी है.
आटाकामा में मिलना हैरानी की बात
आर्कार लिकानैनटे एक कुन्जा स्थानीय भाषा का नाम है जिसका मतलब आटाकामा हड्डी होता है. यह 8 से 6.6 करोड़ साल पहले क्रिटेशिय काल के अंत समय में आज के आटाकामा इलाके में रहा करता था. एंडिज पर्वतों के पश्चिम में स्थित आटाकामा रेगिस्तान में इसतरह के जीवाश्म मिलना भी हैरानी की बात मानी जा रही है.
कितना बड़ा है यह जीवश्म
इस जीवाश्म एक विशाल क्वाड्रपेड, शाकाहारी जीव है जिसकी लंबीई 6.3 मीटर है लेकिन वैज्ञानिकों को कहना है कि यह किशोरावस्था का डायनासोर है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इनके व्यस्कों की लंबाई 8 मीटर तक होनी चाहिए. हड्डियों में फीमर, ह्यूमरस, इसचियम और गर्दन एवं पीठ की रीढ़ के हिस्से सबसे पहले 1990 में भूगर्भशास्त्री कार्लोस आरेवालो ने खोजे थे.

कहां मिला यह जीवाश्म
आरेवालो ने चिली के नेशनल जियोलॉजी एंड माइनिंग सर्विस की मदद से इन नए जीवाश्म के नमूनों को आटाकामा इलाके के कोपिआपो शहर के 75 किलोमीटर दक्षिण में एक जगह से खोद कर निकाला. चिली के नेशनल म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री के जीवाश्मविज्ञान विभाग के प्रमुख डेविड रूबिलार ने इस टीम की अगुआई की.

चिली और अर्जेंटीना के विशेषज्ञों की टीम
इस टीम में चिली के नेशनल म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री, चिली पेलिएंटोलॉजीकल नेटवर्क यूनिवर्सिटी और अर्जेंटीना के क्यूओ स्थित नेशनल यूनिवर्सिटी की लैबोरेटरी ऑफ डायनासोर के विशेषज्ञ शामिल हैं. नई प्रजाति की इस खोज की घोषणा औपचारिकरूप से क्रिटेशियल रिसर्च जर्नल में प्रकाशित की गई है.

कैसा था इस डायनासोर का आकार
इस डायनासोर के बारे में बताया जा रहा है कि इसका मुंह छोटा लेकिन गर्दन और पूंछ लंबी हुआ करती थी. इसके अलावा इसकी पीठ दूसरे टाइटनोसोर की तुलना में कुछ सपाट हुआ करती थी. जीवाश्मों का अध्ययन यह सुझाता है कि यह शाकाहारी जीव क्रिटेशियस काल के अंत समय में बहुत ही हरे भरे इलाके में रहा करता था.

बहुत अलग था पहले आटाकामा का इलाका
आज आटाकामा रेगिस्तान दुनिया का सबसे सूखा रेगिस्तान माना जाता है जहां करीब 100 सालों से एक बार भी बारिश नहीं हुई है और यहां पौधों और जानवरों के लिए जीवन के पनपने की परिस्थितियां बिलकुल नहीं हैं. लेकिन आज से 8 से 66. करोड़ साल पहले यह इलाका पौधे, फर्न, ताड़ के पेड़ों से भरा रहता था.

आर्कार वैसे तो टाइटनोसोर परिवार का डायनासोर लेकिन दूसरे टाइटनोसोर की तुलना में इसका आकार छोटा है. वहीं अर्जेंटीनोसॉरस, जो एंडीज पर्वतों के पूर्वी इलाके की तरफ खोजा गया था, वह इससे चार गुना बड़ा था. इस डायनासोर के अवशेष चिली के म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री में रखे जाएंगे.
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