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वैज्ञानिकों को पृथ्वी पर मिला सौरमंडल से भी पुराना प्लूटोनियम, जानें कहां से आया?

Gulabi
17 May 2021 3:24 PM GMT
वैज्ञानिकों को पृथ्वी पर मिला सौरमंडल से भी पुराना प्लूटोनियम, जानें कहां से आया?
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पृथ्वी पर मिला सौरमंडल से भी पुराना प्लूटोनियम

पृथ्वी (Earth) की गहराइयों में हमारे वैज्ञानिकों को बहुत से पुराने पदार्थ मिलते रहे हैं. उनमें से कुछ ऐसे ही हैं जो पृथ्वी के निर्माण के समय बने थे. लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ है कि उन्हें ऐसा पदार्थ मिला हो हमारे सौरमंडल (Solar System) से भी पुराना हो. वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्हें प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) की गहराई में बहुत ही कम पाया जाने वाला प्लूटोनियम-244 मिला है जो हमारे सौरमंडल के निर्माण से भी बहुत ही ज्यादा पहले हुआ है.


एक अंतरतारकीय खगोलीय घटना

शोधकर्ताओं का कहना है कि उन्हें यह प्लूटोनियम प्रशांत महासागर के तल के 5000 फुट नीचे मिला है. यह अंतरतारकीय अंतरिक्ष में करोड़ों साल पहले हुई ज्वलंत खगोलीय घटनाओं का अवशेष माना जा रहा है. प्लूटोनियम का यह आइसोटोप रेडियोधर्मी है जिसकी हाफ लाइफ 8 करोड़ साल से ज्यादा है. इस खोज से वैज्ञानिक अब यह सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि पृथ्वी पर भारी धातुओं का अस्तित्व कैसे आया था.

कितना पुराना है ये
ऑस्ट्रेलियन न्यूक्लियर साइंस एंड टेक्नोलॉजी ऑर्गेनाइजेशन (ANSTO) के वैज्ञानिकों का कहन है कि यह कभी कभी होने वाली खगोलीय घटना करीब 4.5 अरब साल पहले हुई थी और तब हमारे सौरमंडल का निर्माण भी नहीं हुआ था. यह पहली बार है जब वैज्ञानिकों को पृथ्वी पर ही इस तरह का प्रमाणिक पदार्थ मिला है जो इतना पुराना है.
इस तरह की खगोलीय घटना



एन्सटो के अतिसंवेदी उपकरणों से प्लटोनियम आइसोटोप का मापन किया गया जिससे पता चला कि एक ज्वलंत खगोलीय घटना के दौरान यह बना होगा. यह घटना दो न्यूट्रोन तारों का विलय हो सकता है जिसकी वजह से पृथ्वी की पर्पटी में भारी धातुओं का मौजूदगी आई होगी. बहुत सी भारी धातुओं जो रासायनिक तौर पर लोहे से भी भारी होती हैं पृथ्वी के सामान्य हालातों में नहीं बन सकती है.

भारी धातुओं का निर्माण

बहुत से खगोलभैतिकीय सिद्धांतों के अनुसार पृथ्वी के निर्माण के बाद और उससे पहले भी इस तरह के हालात का होना नामुमकिन है जिससे इस तरह की भारी धातुओं का निर्माण हो सके. इस सिद्धांतों के मुताबिक केवल सुपरनोवा, तारे के अंदर किसी नाभकीय संलयन या इस तरह का कोई विशाल स्तर की खगोलीय घटनाओं में ऐसे पदार्थों का निर्माण हो सकता है.

प्रचंड खगोलीय घटना की जरूरत

मानव जीवन लिए भी बहुत उपयोगी भारी धातुएं जैसे लोहा, पोटैशियम और आयोडीन किसी तारे के विस्फोट या सुपरनोवा से बनती हैं. लेकिन सोने, यूरेनियम और प्लूटोनियम जैसे और ज्यादा भारी धातुओं के निर्माण के लिए और भी ज्वलंत घटना की जरूरत होती है जैसे कि दो न्यूट्रॉन तारों का विलय. शोधकर्ताओं को खोजबीन के दौरान आयरन-60 आइसोटोप भी मिला है.

हैरानी की बात

इसमें कोई शक नहीं कि यह खोज वैज्ञानिकों हैरान करने वाली है. अध्ययन में बताया गया है कि प्लूटोनियम 244 और आयरन-60 जो पृथ्वी के निर्माण के समय बने थे तब से विखंडित होते जा रहे हैं, लेकिन यह जो प्लूटोनियम और लोहा मिला है वह खगोलीय घटना से निकले हैं. इसकी डेटिंग तकनीक से भी पुष्टि हुई है कि ये सौरमंडल से भी पुराने हैं.
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