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वैज्ञानिकों ने खोजा नया Coronavirus
वॉशिंगटन: नोवेल कोरोना वायरस से होने वाली COVID-19 की महामारी ने दुनियाभर को अपनी चपेट में ले लिया। अब वैज्ञानिकों को एक और कोरोना वायरस मिला है। यह कुत्तों से इंसानों में आ सकता है। इसे सबसे पहले 2018 में देखा गया था और जानवरों से इंसान में आने वाला यह आठवां कोरोना वायरस है। अभी यह साफ नहीं है कि यह कितना बड़ा खतरा है लेकिन रिसर्चर्स का कहना है कि इससे महामारी जैसी आशंका नहीं है।
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कोरोना वायरस कई प्रकार के होते हैं जिनमें से चार इंसानों में सर्दी-जुकाम पैदा करते हैं और ज्यादा नुकसानदायक नहीं होते हैं। दूसरे कोरोना वायरस Sars या Mers पैदा कर सकते हैं जो दोनों ही घातक हैं। ड्यूक यूनिवर्सिटी और ओहायो यूनिवर्सिटी ने नए वायरस को CCoV-HuPn-2018 नाम दिया है। मलेशिया में इसके 8 मरीज मिले थे जिनमें से 7 बच्चे थे। एक बच्चे को निमोनिया हुआ लेकिन वह ठीक हो गया। उन्हें 4 से 6 दिन में डिस्चार्ज कर दिया गया।
रिसर्चर ग्रेगरी ग्रे का कहना है कि यह वायरस कितना आम है, यह कुत्तों से इंसानों में या इंसानों के बीच कितनी तेजी से फैलता, इसके बारे में किसी को नहीं पता। उनका कहना है कि हो सकता है कि ऐसे कई कोरोना वायरस हों, जो कुत्तों से इंसानों में आते हों लेकिन हम उनके बारे में नहीं जानते हैं। अभी भी डायग्नोस्टिक इंसानी कोरोना वायरस के लिए हो रहा है, कुत्तों से फैलने वाले के लिए नहीं।
चीनी अकादमी ऑफ साइंसेज के वैज्ञानिकों के एक दल ने कहा कि कोरोना वायरस संभवत: भारत में वर्ष 2019 की गर्मियों में पैदा हुआ। इस चीनी दल ने दावा किया कि कोरोना वायरस पशुओं से दूषित जल के माध्यम से इंसान में प्रवेश कर गया। इसके बाद यह वुहान पहुंच गया जहां से कोरोना वायरस की पहली बार पहचान हुई। अपने पेपर में चीनी दल ने फिलोजेनेटिक विश्लेषण (कोरोना वायरस के म्यूटेट होने के तरीके का अध्ययन) का सहारा लिया ताकि कोरोना वायरस के स्रोत का पता लगाया जा सके। अन्य सभी कोशिकाओं की तरह ही वायरस भी म्यूटेट होता है और फिर पैदा होता है। इस दौरान उनके डीएनए में मामूली सा बदलाव आ जाता है। चीनी वैज्ञानिकों ने दलील दी कि जिन वायरस का बहुत कम म्युटेशन हुआ है, उनका पता लगाकर कोरोना वायरस के स्रोत का पता लगाया जा सकता है।
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