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चिली के अटाकामा रेगिस्तान पर वैज्ञानिकों ने किया शोध, मिली ये चौंकाने वाली जानकारी

Gulabi
1 Sep 2021 12:30 PM GMT
चिली के अटाकामा रेगिस्तान पर वैज्ञानिकों ने किया शोध, मिली ये चौंकाने वाली जानकारी
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दक्षिण अमेरिकी देश चिली का अटाकामा रेगिस्तान इस समय खबरों में है

Atacama Desert Was Hotbed of Murderous Violence: दक्षिण अमेरिकी देश चिली का अटाकामा रेगिस्तान इस समय खबरों में है, वजह है इसपर हुआ एक शोध. जिससे 3000 साल पुराना वो राज खुला है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान है. शोध में पता चला है कि ये जगह हिंसा का केंद्र हुआ करती थी, जहां हर 10 में से एक शख्स को पीट-पीटकर मार डाला जाता था. चिली की यूनिवर्सिटी ऑफ टैरापाका के विशेषज्ञों ने ये शोध किया है. इसके लिए उन्होंने रेगिस्तान में मिले करीब 200 कंकालों का विश्लेषण किया और पाया कि बागवानी करने वाले लोगें को नियमित रूप से पीटा जाता था.

जिन 194 कंकालों का विशलेषण किया गया, उनमें से 40 की जांच करने पर पता चला कि इन लोगों की क्रूरता से हत्या की गई थी. जो सबूत मिले हैं, उनसे पता चला है कि 26 फीसदी पुरुष और 15 फीसदी महिलाओं को यातनाएं दी गई थीं. कुछ हमले नुकीली छड़ी से किए जाते थे (Study on Atacama Desert). जो इतने घातक थे कि मस्तिष्ठ का हिस्सा शरीर से बाहर गिर जाता था. जबकि कई लोगों की चेहरे की हड्डियां टूटने के कारण मौत हुई. शोध में पता चला कि लोगों को शरीर के हर हिस्से पर वार करके मारा जाता था.
यहां क्यों होती थी इतनी हिंसा?
अटाकामा रेगिस्तान में ये हिंसा (Violence in Atacama Desert) क्यों होती थी, इस बारे में अभी स्पष्ट तौर पर कुछ पता नहीं चला है. लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि इसके पीछे का कारण रेगिस्तान में सीमित संसाधनों की मौजूदगी और रहने लायक कम जगह का होना था. अटाकामा लामाओं, छिपकलियों और मछलियों का चित्रण करने वाले प्राचीन भू-आकृति से जुड़ा स्थान भी है, जो रेगिस्तान के उत्तर-पूर्व में स्थित हैं और लगभग 2500 साल पुराने माने जाते हैं. अध्ययन के लेखकों ने कहा, रेगिस्तान की गर्मी और सूखेपन के कारण कंकाल अच्छी तरह से संरक्षित रहे हैं.
दिखने में मंगल जैसा है रेगिस्तान
वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष में कहा कि ऐसी संभावना है कि ये हिंसा स्थानीय समूहों के बीच सामाजिक और पारिस्थितिक बाधाओं की वजह से होती थी. वहीं आज के अटाकामा रेगिस्तान की बात करें, तो इसके हालात कुछ-कुछ मंगल ग्रह जैसे हैं. यहां लाल रंग की मिट्टी, काले रंग के ज्वालामुखी (Volcano) के लावे से निर्मित बालू और सूखी गहरी घाटियां हैं. इस रेगिस्तान के पास चिली का युनगे कस्बा भी पड़ता है. ये जगह दुनिया के सबसे सूखे स्थानों में गिनी जाती है. यहां दशकों तक बारिश की एक बूंद तक नहीं गिरती. जिसके चलते यहां की मिट्टी बेहद शुष्क है.
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