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वैज्ञानिकों ने किया शोध! मछलियों को भी लग सकती है नशे की लत, इंसानों के कारण जलीय जीवों को बताया खतरा

Rani Sahu
7 July 2021 12:16 PM GMT
वैज्ञानिकों ने किया शोध!  मछलियों को भी लग सकती है नशे की लत,  इंसानों के कारण जलीय जीवों को बताया खतरा
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मछलियों को भी लग सकती है नशे की लत

Methamphetamine Drug Affects Fish: अगर मछलियां ऐसे पानी में रहें, जिसमें मेथामफेटामाइन नाम का ड्रग्स मिला हो, तो उन्हें नशे की लत लग सकती है. इस बात का खुलासा एक शोध में हुआ है. वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने जब इसपर शोध किया तो उन्हें इस परिवर्तन से मछलियों और उनकी आबादी के स्तर में अप्रत्याशित प्रतिकूल परिणाम मिले. चेक रिपब्लिक के शोधकर्ताओं ने मेथामफेटामाइन वाले पानी के टैंग में ब्राउन ट्राउट मछली को डालकर इस बात का पता लगाया.

मेथामफेटामाइन का स्तर उतना ही था, जितना ताजे पानी की नदियों में पाया जाता है. इससे ये जानने की कोशिश की गई कि क्या मछलियों को इसकी लत लग सकती है. आठ हफ्ते बाद मछलियों को ताजे पानी के टैंक में डाला गया. इसके बाद मछली के सामने दो टैंक का विकल्प रखा गया (Effects of Drugs on Fish). मछली ने शुरुआती चार दिन तक मेथामफेटामाइन दूषित पानी को चुना. इस शोध को जर्नल ऑफ एक्सपेरिमेंटल बायोलॉजी में प्रकाशित किया गया है.
मछलियों के व्यवहार में परिवर्तन
शोध में पता चला कि जो मछली मेथामफेटामाइन वाले पानी में रही, वह दूसरी मछलियों के मुकाबले कम एक्टिव थी. चेक यूनिवर्सिटी ऑफ लाइफ साइंसेज प्राग और यूनिवर्सिटी ऑफ साउदर्न बोहेमिया के शोधकर्ताओं ने बताया, 'व्यवहार में परिवर्तन और मेथामफेटामाइन दूषित पानी को प्राथमिकता देने का संबंध मछली के मस्तिष्क के टिशू तक ड्रग्स के असर से जुड़ा है. हमारे शोध में सामने आया है कि मीठे पानी के पारिस्थितिक तंत्र में अवैध ड्रग्स के उत्सर्जन से मछली को इसकी लत लगती है. मछली और उनकी जनसंख्या के स्तर में प्रतिकूल परिणाम दिखाई देते हैं.'
शहरी क्षेत्रों के जीवों को खतरा
इस मामले में शोध अब भी जारी है. एक अन्य विशेषज्ञ का कहना है कि शहरी क्षेत्रों में पानी में रहने वाली मछलियां भी सामाजिक समस्याओं से अछूती नहीं हैं (Fish Getting Addicted to Methamphetamine Drug). इससे प्रजातियों को होने वाले नुकसान का पता चलता है. इससे पहले जो शोध किए गए थे, उनमें जल को प्रदूषित करने में ड्रग्स के प्रभाव के बारे में जाना गया था. वहीं 2018 के एक शोध में कहा गया है कि कोकेन को नदी में फ्लश करने से ईल्स नामक मछलियां अधिक एक्टिव हो रही हैं और इससे उनकी जान को भी खतरा बढ़ रहा है.


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