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टीकाकरण सहित समय से पहले जन्म को रोकने के लिए गर्भवती महिलाओं में कोरोना को कम करने के लिए निवारक उपायों के महत्व की ओर इशारा करते हैं
कोरोना वायरस गर्भवती महिलाओं और शिशु के लिए भी खतरनाक कोरोना से गर्भवती महिलाओं में प्रीटर्म बर्थ का जोखिम पुरानी बीमारियों से पीड़ित महिलाओं को अधिक जोखिम
कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसके नए रूप सामने आने के बाद तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। कोरोना संक्रमण इंसान को कई तरह से प्रभावित कर रहा है। अब खबर यह है कि कोरोना संक्रमण गर्भवती महिलाओं में प्रीटर्म बर्थ (Preterm Birth) का जोखिम पैदा कर सकता है।
यूसी सैन फ्रांसिस्को के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में किए गए एक बड़े अध्ययन के अनुसार, जो गर्भवती महिला कोरोना से संक्रमित होती है, उसे प्रीटर्म बर्थ का अधिक जोखिम हो सकता है। यह वो स्थिति है, जब किसी बच्चे का जन्म प्रेग्नेंसी का 37वां हफ्ता पूरा करने से पहले ही हो जाता है। इस स्थति में बच्चे के जन्म होने को प्रीमैच्योर बेबी (Premature Baby) कहा जाता है।
अध्ययन के निष्कर्ष 'द लैंसेट रीजनल हेल्थ-अमेरिकाज' जर्नल में प्रकाशित हुए। अध्ययन के अनुसार, कोरोना से संक्रमित गर्भवती महिलाओं के 32वें हफ्ते में यह जोखिम 60 प्रतिशत, जबकि 37 वें हफ्ते में 40 प्रतिशत अधिक था। इतना ही नहीं, जो गर्भवती महिलएं पहले से ही उच्च रक्तचाप, शुगर या मोटापे जैसी समस्या से पीड़ित थी उसमें यह जोखिम 160 प्रतिशत बढ़ गया।
शोधकर्ताओं ने कहा है कि उनके अध्ययन से यह निष्कर्ष निकलता है कि गर्भवती महिलाओं के लिए टीकों को लेकर सतर्क रहना चाहिए ताकि उनके बच्चे को नुकसान से बह्च्या जा सके। उन्होंने कहा कि हमारे परिणाम टीकाकरण सहित समय से पहले जन्म को रोकने के लिए गर्भवती महिलाओं में कोरोना को कम करने के लिए निवारक उपायों के महत्व की ओर इशारा करते हैं
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