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कोरोना वायरस (कोविड-19) से मुकाबले के लिए कई वैक्सीन तैयार की गई है।
कोरोना वायरस (कोविड-19) से मुकाबले के लिए कई वैक्सीन तैयार की गई है। कई देशों में इस खतरनाक वायरस के खिलाफ टीकाकरण भी शुरू हो चुका है। इस बीच कोरोना के नए वैरिएंट सामने आने से वैक्सीन के प्रभाव को लेकर बढ़ी चिंता के मोर्चे पर एक अच्छी खबर आई है। अमेरिका की केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी के एक शोधकर्ता ने बताया कि अब तक के शोध से यह साबित हुआ कि मौजूदा टीके कोविड-19 के नए वैरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी हैं। इन टीकों से कोरोना के नए रूप के बचने के संकेत नहीं मिले हैं।
अमेरिका की केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर मार्क कैमरुन ने कहा, 'हाल के दौर में कोरोना वायरस में कई बदलाव सामने आए हैं। इससे यह वायरस ज्यादा संक्रामक बन गया है। वैक्सीन निर्माता कंपनियां इन वैरिएंट पर अध्ययन कर रही हैं। अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं मिला कि कोरोना के नए रूप मौजूदा वैक्सीन से बच सकते हैं।'
कैमरुन के अनुसार, अमेरिकी फार्मा कंपनी मॉडर्ना ने गत सोमवार को डाटा जारी किया। इसमें वैक्सीन लगवाने वाले लोगों के रक्त नमूनों का विश्लेषण किया गया। इसमें पाया गया कि यह वैक्सीन कोरोना के ब्रिटिश वैरिएंट को भी बेअसर कर सकती है। उन्होंने बताया कि हालांकि दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट के खिलाफ वैक्सीन का असर कुछ कम पड़ सकता है। हालिया कई अध्ययनों में भी यह बात सामने आ चुकी है कि कोरोना के नए रूपों के खिलाफ मौजूदा वैक्सीन प्रभावी हो सकती हैं।
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