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'टॉय शॉप पर न बिके स्कूल यूनिफॉर्म', इस जगह स्‍कूल स्‍टूडेंट्स ने मचाया हंगामा

Neha Dani
19 July 2022 7:24 AM GMT
टॉय शॉप पर न बिके स्कूल यूनिफॉर्म, इस जगह स्‍कूल स्‍टूडेंट्स ने मचाया हंगामा
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अधिकांश वयस्क सेक्स-शॉप वर्दी को छात्रों द्वारा पहनी जाने वाली वास्तविक वर्दी से अलग देखते हैं.

मैनचेस्टर शहर के स्कूली छात्रों ने इन दिनों एक खास अभियान छेड़ दिया है. इस अभियान के लिए बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स एकजुट हुए हैं. दरअसल, इन स्टूडेंट्स ने बिल्ली कहलाने, यौन उत्पीड़न और अपमान से तंग आकर स्टूडेंट्स ने यूके सरकार से स्कूल की वर्दी की पोर्न वीडियो के लिए ड्रेस के रूप में सेक्स शॉप पर इनकी बिक्री और इन्हें पहनने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. इस संबंध में एक याचिका भी दी गई है.


13 हजार से अधिक स्टूडेंट्स ने किए साइन

कैनेडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (सीबीसी) की रिपोर्ट के अनुसार, इस याचिका पर 13,400 स्टूडेंट्स ने हस्ताक्षर भी किए हैं. इस याचिका को अब नई सरकार के आने के बाद प्रतिक्रिया का इंतजार है. फिलहाल बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद ब्रिटेन के प्रधान मंत्री का पद खाली है. नए पीएम को चुनने की प्रक्रिया जोरों पर चल रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, यह अभियान यौन हिंसा के मामलों के खिलाफ सैंडबैक हाई स्कूल में एक नारीवादी समूह द्वारा शुरू की गई है.

छात्रा ने बताया, कैसे होता है यौन उत्पीड़न

11 साल की एक छात्रा ने मीडिया को बताया कि, "मुझे याद है कि मैं और मेरी कुछ फ्रेंड एक सार्वजनिक बस में थे. बस चालक ने हमले कहा कि अगर हम चाहें तो अपनी चड्डी उतार देना ठीक है. उसने कहा कि जब लड़कियां स्कूल में पुरानी वर्दी पहनती थीं और उनकी स्कर्ट छोटी होती थी तो यह पसंद आता था. छात्रा ने बताया कि, "जब हम सार्वजनिक परिवहन में स्कूल की वर्दी में थे, तो हमें कैटकॉल किया गया, हमारा यौन उत्पीड़न किया गया. हमने सोचा कि क्यों लोग स्कूली बच्चों का यौन उत्पीड़न करते हैं और हमें इतना असहज महसूस कराते हैं."

इस स्कूल ने की यूनिफॉर्म हटाने की मांग

स्कूली छात्रों के बीच यौन उत्पीड़न की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. 2018 में 14 से 21 वर्षीय 1,000 से अधिक लड़कियों के बीच हुए ऑनलाइन सर्वेक्षण में सामने आया था कि स्कूल की वर्दी में सार्वजनिक रूप से एक तिहाई से अधिक लड़कियों का यौन उत्पीड़न हुआ है. सर्वेक्षण के अनुसार, यूके के अधिकांश स्कूलों में छात्रों को 16 वर्ष की आयु तक वर्दी पहनना जरूरी होता है. बढ़ते यौन उत्पीड़न को देखते हुए कई स्कूलों में कई छात्राओं ने वर्दी पहननी छोड़ दी. ऐसी छात्राएं कहती हैं कि, जब से उन्होंने स्कूल में अपने कपड़े पहनने शुरू किए, तब से उन्होंने उत्पीड़न में कमी देखी है. सैंडबैक हाई स्कूल के प्रचारकों का मानना ​​है कि स्कूलों से यूनिफॉर्म को पूरी तरह हटाने से स्थिति में सुधार हो सकता है.

सेक्स शॉप मालिक नहीं हैं इस मांग से सहमत

वहीं, लंदन की एक सेक्स शॉप के मालिक स्टीफेंसन इन बातों से इत्तेफाक नहीं रखते. वह कहते हैं कि छात्राओं का यौन उत्पीड़न इसलिए नहीं होता कि स्कूल की वर्दी सेक्स शॉप में भी बिक रही है. वह कहते हैं कि यह एक आदमी पर निर्भर है. सेक्स शॉप पर स्कूल यूनिफॉर्म की बिक्री रोकने से उत्पीड़न नहीं रुकेगा. अगर किसी के मन में उत्पीड़न करने की बात चल रही है तो वह करेगा ही. उसका सेक्स शॉप से कोई कनेक्शन नहीं है. स्टीफेंसन के अनुसार, अधिकांश वयस्क सेक्स-शॉप वर्दी को छात्रों द्वारा पहनी जाने वाली वास्तविक वर्दी से अलग देखते हैं.

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