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पाकिस्तान आर्मी को SC ने लगाई फटकार,कहा- मिलिट्री की जमीन पर मैरेज हॉल, पेट्रोल पंप बनाना गैर-कानूनी, सरकार को वापस करें

Renuka Sahu
1 Dec 2021 2:50 AM GMT
पाकिस्तान आर्मी को SC ने लगाई फटकार,कहा- मिलिट्री की जमीन पर मैरेज हॉल, पेट्रोल पंप बनाना गैर-कानूनी, सरकार को वापस करें
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फाइल फोटो 

पाकिस्तान की सुप्रीम अदालत ने पाकिस्तानी मिलिट्री को फटकार लगाई है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तान की सुप्रीम अदालत ने पाकिस्तानी मिलिट्री को फटकार लगाई है। वहां शीर्ष अदालत ने हैरानी जताई है कि मिलिट्री की जमीन पर व्यावसायिक आयोजन क्यों किये जा रहे हैं। अदालत ने पाकिस्तानी आर्मी को साफ लहजों में कहा है कि अगर वो इस जमीन का इस्तेमाल मिलिट्री गतिविधियों के लिए नहीं कर रही है तो उसे यह जमीन सरकार को लौटा देना चाहिए।

मंगलवार को यहां अदालत ने कहा कि देश का कानून इस बात की इजाजत नहीं देता कि जो जमीन डिफेंस गतिविधियों के लिए उपलब्ध है उसका व्यावसायिक इस्तेमाल किया जाए। अगर इस जमीन का इस्तेमाल किसी रणनीतिक गतिविधि के लिए नहीं हो रहा है तो इसे सरकार को वापस कर देना चाहिए। पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश गुलजार अहमद की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने ने इस मामले की सुनवाई की है।
अदालत ने सरकारी जमीन पर व्यावसायिक गतिविधियां आयोजित करने को लेकर आर्मी पर भी सवाल उठाए। अदालत ने सरकारी जमीन पर ऐसी गतिविधियों को असंवैधानिक और गैर कानूनी करार दिया। अदालत ने कहा कि जमीन का मालिक सरकार है और इस जमीन को अगर रक्षा गतिविधयों के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा रहा तब इसे आवश्यक तौर से सरकार को वापस कर देना चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश ने इस बात पर गौर किया था कि सुरक्षा बलों के पास जो जमीन पर उसपर सिनेमा, मैरेज हॉल, पेट्रोल पंप, हाउसिंग सोसायटी, शॉपिंग मॉल्स बन रहे हैं। 'सुप्रीम' अदालत ने कड़े शब्दो में कहा कि यह सभी चीजें डिफेंस से जुड़ी हुई नहीं हैं। अदालत के मुताबिक इस तरह की गतिविधियां देश में कैन्टॉन्मेंट बोर्ड की कई जमीनों पर चल रही हैं।
अदालत ने कहा कि आर्मी की जमीन पर बने घर 100 मिलियन में बेचे जा रहे हैं। जमीन वापस लेने के लिए यह पैसे कौन देगा? अदालत में रक्षा सचिव लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड)मियां मोहम्द हिलाल हुसैन ने एक रिपोर्ट दी थी जिसमें कहा गया था कि इन जमीनों पर बने अवैध बिल्डिगों को नष्ट कर दिया गया है। इस रिपोर्ट पर नाराजगी जताते हुए अदालत ने कहा मकानें अभी भी वहां हैं। अदालत ने रक्षा सचिव को निर्देश दिया है कि वो इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट चार हफ्तों के अंदर दाखिल करें।
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