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कलंक को ठोकर मार पोल डांस अपना रही हैं सऊदी महिलाएं

Subhi
11 Oct 2022 12:55 AM GMT
कलंक को ठोकर मार पोल डांस अपना रही हैं सऊदी महिलाएं
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सऊदी अरब में महिलाओं के बीच पोल डांस धीरे धीरे जगह बना रहा है. लेकिन पोल डांस को हमेशा हॉलीवुड फिल्मों में स्ट्रिप क्लबों और बर्लेस्क घरों से जोड़ कर देखने वाला देश का रूढ़िवादी समाज अब भी इसके आड़े आ रहा है

सऊदी अरब में महिलाओं के बीच पोल डांस धीरे धीरे जगह बना रहा है. लेकिन पोल डांस को हमेशा हॉलीवुड फिल्मों में स्ट्रिप क्लबों और बर्लेस्क घरों से जोड़ कर देखने वाला देश का रूढ़िवादी समाज अब भी इसके आड़े आ रहा है.जब योग प्रशिक्षक नाडा ने पोल डांस करना सीखना शुरू किया तो सऊदी अरब के अत्यंत रूढ़िवादी समाज से उन्हें तुरंत और काफी कठोर प्रतिघात मिला. नाडा तब से उसके असर से उबरने की ही कोशिश कर रही हैं. पोल डांस एक बेहद थकाने वाला व्यायाम का तरीका है, लेकिन राजधानी रियाध नाडा के परिवारजनों और दोस्तों ने उन्हें बताया कि यह "बहुत गलत" चीज है. दरसअल पोल डांस को हमेशा हॉलीवुड फिल्मों में स्ट्रिप क्लबों और बर्लेस्क घरों से जोड़ कर दिखाया गया है. लेकिन सबके विरोध के बावजूद 28 वर्षीय नाडा पीछे नहीं हटीं और एक स्थानीय जिम में अपने कोर्स को आगे बढ़ाती रहीं. अब उनका मानना है कि अपने दोस्तों के बीच ही सही लेकिन उन्हें स्वीकृति मिलीहै. सामने लंबा रास्ता उन्होंने एएफपी को बताया, "पहले तो उन्होंने कहा कि यह नामुनासिब है और एक गलती है. अब वो कहते हैं कि उन्हें भी यह करना है." लेकिन जिस तरह नाडा सिर्फ अपना पहला नाम बताने पर जोर देती हैं वो इस बात का संकेत है कि उन्हें और सऊदी के अन्य पोल डांसरों को अभी एक लंबा रास्ता तय करना है. कई सालों तक सऊदी महिलाओं पर कपड़े पहनने और काम करने को लेकर कई तरह के प्रतिबंध थे जिनकी वजह से उनके सामने शारीरिक मनबहलाव के सीमित विकल्प थे. लेकिन हाल में सऊदी समाज को और खोलने और दुनिया के सामने उसकी एक नरम छवि पेश करने के कदमों के तहत महिलाओं के लिए कई खेलों को भी प्रोत्साहन मिला है. इस बीच महिला कार्यकर्ताओं और असहमति व्यक्त करने वालों कादमन भी चल रहा है, लेकिन दूसरी चीजें भी हो रही हैं. सितंबर 2022 में राष्ट्रीय महिला फुटबॉल टीम ने देश के अंदर ही भूटान के खिलाफ अपने पहले मैच में हिस्सा लिया. इसके अलावा एक महिला प्रीमियर लीग की भी तैयारी चल रही है. अधिकारी पारम्परिक रूप से पुरुषों के प्रभुत्व वाले खेल के रूप में जाने माले गोल्फ में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. इसी बदलते परिपेक्ष में, सऊदी अरब में कम से कम तीन जिमों ने एक अवसर देखा है और पोल डांस कक्षाओं की शुरुआत की है. इसमें कैसी शर्म रियाध में ऐसे ही एक जिम की मालिक मे अल-योसेफ कहती हैं, "मुझे लगता है पोल डांसिंग पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है क्योंकि ये कुछ नया है और लड़कियों को इसे करना बहुत अच्छा लगता है." पोल डांस के समर्थक कहते हैं कि चूंकि सऊदी अरब में शराब पर बैन है और कोई स्ट्रिप क्लब भी नहीं हैं, इसलिए पोल डांस की बदनामी जरूर विदेश से आई है. रियाध में तो पोल डांस की एक छात्र ने कहा कि उन्हें एक बार उसकी कोशिश करने में "जरा भी शर्म नहीं है." उन्होंने बताया, "मैं कहूंगी की यह मेरा व्यक्तित्व है. मुझे अपनी कामुकता और अपने नारीत्व को स्वीकार करने में शर्म महसूस नहीं होती है. मुझे किसी भी चीज से शर्म नहीं आती है, जब तक मैं दूसरों को चोट ना पहुंचा रही हूं." लेकिन वो यह मानती हैं कि सब उसे लेकर सहज नहीं होंगे और वो अपने तजुर्बे के बारे में बताना के लिए भी इसी शर्त पर राजी हुई कि उनका नाम जाहिर नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि उन्होंने पोल डांस सीखना बंद बस इसलिए किया क्योंकि उन्होंने उसे शारीरिक रूप से बहुत कठिन पाया. वो कहती हैं, "मुझे एहसास हुआ कि यह मेरे लिए नहीं है. उसके लिए काफी मांसपेशियां और काफी ताकत चाहिए." जिम मालिक योसेफ कहती हैं कि उन्हें उम्मीद है कि वो इंस्टाग्राम पर जो तस्वीरें और वीडियो डालती हैं उनमें पोल डांस की शारिक मांग दिखाई देगी. वो मानती हैं कि पोल डांस के फायदों का सम्मोहक सबूत उनके ग्राहकों में आए बदलाव में है. उन्होंने बताया, "समय के साथ ऐसा लगता है जैसे वो अपने शरीर को ज्यादा पसंद करने लगे हैं. वो खुद से कहते हैं: "मुझे अच्छा महसूस हो रहा है'." सीके/एए (एएफपी)


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