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बांग्लादेशी नौकरानी का कत्ल करने वाली सऊदी महिला को मिला सजा-ए-मौत, पति और बेटे को भी मिलेगा दंड

Neha Dani
17 Feb 2021 6:59 AM GMT
बांग्लादेशी नौकरानी का कत्ल करने वाली सऊदी महिला को मिला सजा-ए-मौत, पति और बेटे को भी मिलेगा दंड
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सऊदी अरब (Saudi Arabia) में एक विदेशी नौकरानी के कत्ल के लिए स्थानीय महिला को मौत की सजा सुनाई गई है.

सऊदी अरब (Saudi Arabia) में एक विदेशी नौकरानी के कत्ल के लिए स्थानीय महिला को मौत की सजा सुनाई गई है. इतना ही नहीं दोषी के पति और बेटे को भी सजा दी जाएगी. मृतक बांग्लादेश (Bangladesh) की रहने वाली थी और उसका नाम अबिरोन बेगम था. अदालत ने इस मामले में आयशा अल जिगानी (Ayesha al-Jizani) को दोषी करार देते हुए सजा-ए-मौत सुनाई है. सऊदी के इतिहास में संभवतः यह पहला मामला है जब विदेशी महिला के खून के लिए किसी स्थानीय महिला मौत की सजा सुनाई गई है.

2019 में हुई थी हत्या
बांग्लादेश नागरिक अबिरोन बेगम (Abiron Begum) मार्च 2017 में एक एजेंट के जरिए सऊदी अरब गई थीं, लेकिन 24 मार्च 2019 को उनकी मौत की खबर सामने आई. बांग्लादेश में अच्छा पैसा न मिलने की वजह से उन्होंने ने सऊदी का रुख किया था. आयशा अल जिगानी ने उन्हें अपने घर में काम करने के लिए रखा था. अबिरोन के रिश्तेदारों का कहना है कि वह बुजुर्ग मां-बाप के लिए ज्यादा पैसा कमाना चाहती थीं, इसलिए सऊदी अरब गईं थीं.
किया जाता था Torture
रिश्तेदारों का यह भी आरोप है कि अबिरोन बेगम जिस घर में काम कर रही थीं, वहां उन पर बेतहाशा जुल्म किए जाते थे. ये सिलसिला नौकरी शुरू करने के दो हफ्ते बाद ही शुरू हो गया. जब भी उनसे फोन पर बात हुई, उन्हें रोता ही पाया गया. रिश्तेदारों के अनुसार, हमने एजेंट्स से उन्हें वापस लाने को कहा था, लेकिन सिर्फ लाश मिली. मीडिया रिपोर्ट्स में भी कहा गया है कि आयशा अबिरोन से जानवरों से भी बदतर सलूक करती थी. उसका पति और बेटा भी इसमें साथ देते थे. आयशा के पति को भी तीन साल कैद में रहना होगा.
Bangladesh फैसले से खुश
वहीं, बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन (AK Abdul Momen) ने कहा कि हम सऊदी अरब की अदालत द्वारा दिए गए फैसले का स्वागत करते हैं. कोर्ट ने मालिकों द्वारा विदेशी नौकरों पर जुल्म करने वालों को चेतावनी दी है, यह फैसला मिसाल बनेगा. बता दें कि 1991 से मार्च 2020 तक करीब 3 लाख बांग्लादेशी महिलाएं सऊदी अरब नौकरी के लिए गईं थीं. इनमें से ज्यादातर ने अपने साथ बुरे बर्ताव की शिकायत की थी.






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