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तेल की सप्लाई बढ़ाने पर बाइडेन की धमकी से नहीं डरे सऊदी क्राऊन प्रिंस, कहा- US की जरुरत नहीं, डिमांड और सप्लाई पर ध्यान
Renuka Sahu
25 Nov 2021 2:31 AM GMT
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फाइल फोटो
अमेरिका में बढ़ती महंगाई और तेल के बढ़ते दाम से प्रेसिडेंट जो बाइडेन बेहद परेशान हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिका में बढ़ती महंगाई और तेल के बढ़ते दाम से प्रेसिडेंट जो बाइडेन (Joe Biden) बेहद परेशान हैं. यूएस में महंगाई 30 वर्षों के उच्चतम स्तर की ओर बढ़ रही है. वहीं पेट्रोल के बढ़ते दाम को देखते हुए राष्ट्रपति बाइडेन ने सऊदी अरब पर तेल की सप्लाई बढ़ाने का दबाव डाला है. क्योंकि बढ़ती महंगाई और तेल के दामों में वृद्धि होने से बाइडेन राजनीतिक रूप से असहाय नजर आ रहे हैं.
क्रूड (Crude Oil) की सप्लाई बढ़ाने के मुद्दे पर अमेरिका राजनयिकों ने पहले निजी तौर पर फिर सार्वजनिक तौर पर सऊदी अरब को राजी करने की कोशिश की. इसकी जानकारी खुद दोनों देशों के डिप्लोमेट्स ने दी. अमेरिका के बढ़ते राजनयिक दबाव का सामना 36 वर्षीय सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (Mohammad Bin Salman) को करना पड़ा, जो कि तेल के दामों में बदलाव लाने की क्षमता रखते हैं.
लेकिन सऊदी के क्राउन प्रिंस अमेरिका के दबाव के आगे झुकने को तैयार नहीं है. दरअसल प्रिंस मोहम्मद तेल की सप्लाई और डिमांड से जुड़ी मूलभूत आवश्यकताओं को लेकर चिंतित थे ना कि वॉशिंगटन की राजनीतिक जरुरतों को लेकर. फिर भी अगर प्रेसिडेंट बाइडेन सस्ता पेट्रोल चाहते हैं तो प्रिंस मोहम्मद की भी अपनी शर्तें हैं. इसमें कुछ ऐसा भी शामिल है जो कि सऊदी प्रिंस को अब तक व्हाइट हाउस से नहीं मिला है.
बाइडेन ने क्राउन प्रिंस से बात करने से किया इनकार
जब से बाइडेन ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद की कुर्सी संभाली है उन्होंने सिर्फ किंग सलमान से बात की है, जो कि प्रिंस मोहम्मद के पिता हैं. बाइडेन ने सीधे क्राउन प्रिंस मोहम्मद से बात करने से इनकार किया है.
बाइडेन ने अक्टूबर में प्रिंस मोहम्मद का नाम लिए बिना कहा था कि मिडिल ईस्ट में ऐसे कई दोस्त हैं जो मुझ से बात करना चाहते हैं. लेकिन मैं आश्वस्त नहीं हूं कि मैं उनसे बात करूंगा. इससे पहले अक्टूबर में जो बाइडेन ने कहा था कि रशिया, सऊदी अरब और अन्य तेल उत्पादक देश तेल की सप्लाई नहीं बढ़ा रहे हैं और यह सही नहीं है.
कुलमिलाकर, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन को अतिरिक्त तेल नहीं मिला, जो वह सऊदी से चाहते थे. इसके जवाब में मंगलवार को बाइडेन देश के स्ट्रेटजिक पेट्रोलियम रिजर्व के दोहन करने के लिए मजबूर होना पड़ा. अमेरिका का यह फैसला सऊदी के नेतृत्व वाले ओपेक (OPEC+) संगठन के बीच जोखिम बढ़ा सकता है.
Renuka Sahu
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